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नीतीश का विकास विरोधी चेहरा उजागर

केंद्र सरकार के भूमि अधिग्रहण कानून के जदयू द्वारा विरोध पर बोले मोदी पटना : केंद्र सरकार के भूमि अधिग्रहण कानून का पूर्व सीएम नीतीश कुमार द्वारा विरोध किये जाने पर पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने शुक्रवार को पलटवार किया है. उन्होंने कहा है कि भूमि अधिग्रहण कानून के विरोध से नीतीश कुमार का विकास […]

केंद्र सरकार के भूमि अधिग्रहण कानून के जदयू द्वारा विरोध पर बोले मोदी
पटना : केंद्र सरकार के भूमि अधिग्रहण कानून का पूर्व सीएम नीतीश कुमार द्वारा विरोध किये जाने पर पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने शुक्रवार को पलटवार किया है. उन्होंने कहा है कि भूमि अधिग्रहण कानून के विरोध से नीतीश कुमार का विकास विरोधी चेहरा उजागर हुआ है.
उन्होंने कहा है कि भूमि अधिग्रहण कानून में किसान हित को प्राथमिकता दी गयी है. नये कानून में ग्रामीण क्षेत्र के लिए जमीन के बाजार मूल्य से चार गुना और शहरी क्षेत्र के लिए दो गुना अधिक मुआवजा निर्धारित किया गया है. मुआवजा की प्रक्रिया के सरलीकरण के लिए 2013 की भूमि अधिग्रहण नीति के 13 वैसे कानूनों को भी मुआवजा के दायरे में लाया गया है,जिसके तहत पहले मुआवजे पर रोक थी. उन्होंने नीतीश कुमार को चुनौती दी है कि यदि हिम्मत है तो वह अपने राज्य में इसे लागू नहीं करे या इससे बेहतर भू अर्जन वाली नीति बना लें.
नये भू अर्जन कानून से न केवल विकास को गति मिलेगी,बल्कि भूमि मालिकों के साथ-साथ जमीन के जरिये जीवकोपार्जन करने वाले मजदूर और बंटाईदारों को भी मुआवजा मिलेगा. नीतीश कुमार को बताना चाहिए कि क्या विद्युत परियोजना, सड़क, पुल-पुलियों और ग्रामीण उद्योगों के लिए जमीन नहीं चाहिए? क्या रेल- बिजली की लाखों करोड़ की योजनाएं भू अर्जन नहीं होने के कारण नहीं अटकी है? भू अर्जन के नये कानून में शहरी क्षेत्र में मुआवजा के अतिरिक्त जमीन मालिक की हिस्सेदारी विकसित भूमि के 20 प्रतिशत हिस्से में होगी.
जिस परियोजना के कारण रोजगार पैदा होगा, उसमें जमीन देने वाले प्रत्येक परिवार के एक सदस्य को नौकरी या पांच लाख रुपये प्रत्येक परिवार या दो हजार रुपये 20 वर्षो तक प्रति माह देने का प्रावधान है. जमीन अधिग्रहण के कारण विस्थापित होने वाले परिवारों को 50 हजार रुपये परिवहन तथा 50 हजार रुपये पुनर्वास भत्ता के रूप में देय होगा.
भूमि अधिग्रहण के नये कानून में किसानों के हित की कीमत पर कोई अधिग्रहण नहीं होगा. गांव, किसान और गरीबों के हित को प्राथमिकता देते हुए केवल प्रक्रिया का सरलीकरण किया गया है. इससे न केवल किसानों की सहभागिता बढ़ेगी, बल्कि पैदा होने वाले रोजगार का प्रत्यक्ष लाभ भी उन्हें मिलेगा. कानून का विरोध कर नीतीश कुमार जनता में भ्रम फैला रहे हैं .
अनाड़ी-खिलाड़ी के खेल में हो रहा बंटाधार : नंद किशोर
पटना : मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के बयान ‘सब कुछ सिखा हमने,न सीखी होशियारी, सच कहती है दुनिया कि हम हैं अनाड़ी.’ पर शुक्रवार को विधान सभा में प्रतिपक्ष के नेता नंद किशोर यादव ने चुटकी ली.
उन्होंने कहा है कि नीतीश कुमार और जीतन राम मांझी के बीच चल रहे अनाड़ी-खिलाड़ी के खेल ने बिहार में राजनीतिक अस्थिरता पैदा कर दी है. मुख्यमंत्री को यह पता नहीं होना कि वह कब तक सीएम की कुरसी पर हैं. अजीब लगता है. सीएम खुद कह रहे हैं कि वह तो 20-20 का मैच खेल रहे हैं. कप्तान तो नीतीश कुमार हैं.
दूसरी ओर कप्तान यानी नीतीश कुमार कह रहे हैं कि कौन नेता होगा. यह तो शरद यादव और लालू जी की बैठक में तय होगा. उन्होंने नीतीश कुमार से पूछा है कि क्या वह खुद मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं?
अगर हां, तो क्या उन्होंने महादलित के नाम पर जीतन राम मांझी को सिर्फ मोहरा बनाया था? नंद किशोर यादव ने कहा है कि यह तो पहले ही दिन से तय था कि मांझी जी को भले ही सीएम बना दिया गया हो,लेकिन रिमोट नीतीश कुमार के हाथ में ही रहेगा.

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