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अवैध बिल्डिंग हटाओ नहीं तो गिरायेगा निगम
पटना : नगर आयुक्त के न्यायालय ने शुक्रवार को तीन मामलों में फैसला सुनाया. अवैध निर्माण के विरुद्ध दिये गये फैसलों में स्पष्ट तौर पर कहा गया कि गैर कानूनी निर्माण को अविलंब हटाया जाये, यदि तय समय सीमा में निर्माण को नहीं हटाया गया, तो फिर निगम खुद उसे हटायेगा व खर्च भी वसूल […]
पटना : नगर आयुक्त के न्यायालय ने शुक्रवार को तीन मामलों में फैसला सुनाया. अवैध निर्माण के विरुद्ध दिये गये फैसलों में स्पष्ट तौर पर कहा गया कि गैर कानूनी निर्माण को अविलंब हटाया जाये, यदि तय समय सीमा में निर्माण को नहीं हटाया गया, तो फिर निगम खुद उसे हटायेगा व खर्च भी वसूल करेगा.
गांधी पथ, नेहरू नगर : सड़क चौड़ीकरण के लिए नहीं छोड़ी जमीन : सुयश होम्स प्रा लि, गांधी पथ, नेहरू नगर, पटना के इस मामले में जांच दल ने पाया कि भूखंड पर स्वीकृत नक्शा से विचलन कर बहुमंजिला भवन जी प्लस फोर निर्माणाधीन है. इंजीनियर जांच दल ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि सड़क चौड़ीकरण के लिए जमीन नहीं छोड़ा गया. यदि उपयोगी प्रोजेक्शन हटा कर दो माह में सूचना नहीं देती है, तो इसे अवैध मानते हुए तोड़ दिया जायेगा.
खासमहल,चिरैयाटांड़ :
नियमों का उल्लंघन कर बनाया छह तल्ला मकान : 21 जून, 2006 को किये शिकायत पर निगरानी वाद में जब सुनवाई शुरू हुई, तो प्रतिवादी अनुपस्थित रहे. जांच में पता चला कि प्रतिवादी ने सतह और छठी मंजिल का निर्माण बिना नक्शा पास कराये कर लिया. वहीं प्रतिवादी अमर प्रसाद का कहना था कि सतीश कुमार ने भी गलत तरीके से दुकान बना लिया हैं. जांच में प्रतिवादी के किये गये निर्माण को अवैध पाया गया. परिसर में निर्मित संपूर्ण अवैध घोषित जी प्लस सिक्स भवन को 30 दिनों के अंदर हटाएं नहीं तो निगम ही यह कार्रवाई करेगा.
राजापुर पुल, ब्रजनंदन अपार्टमेंट से दक्षिण: बिना नक्शा स्वीकृत कराये निर्माण : यह मामला राजापुर पुल स्थित ब्रज नंदन अपार्टमेंट से सटे दक्षिण बिना नक्शा स्वीकृति किये जा रहे फाउंडेशन के काम से संबंधित है, जिसकी मान्यता भवन उप विधि एवं बिहार नगरपालिका अधिनियम द्वारा नहीं है. इसे अवैध घोषित करते हुए 30 दिनों के अंदर हटाने का निर्देश दिया गया है.
इ-म्यूनिसिपिलिटी प्रोजेक्ट में नहीं हुई प्रगति
तीन महीने बीत जाने के बाद भी इ-म्यूनिसिपिलिटी प्रोजेक्ट में प्रगति नहीं हुई है. नगर आयुक्त ने इस संबंध में नगर विकास विभाग के सचिव को एक पत्र लिख कर कहा है कि योजना की समीक्षा में पता चला है कि अभी तक इस काम के लिए संबंधित एजेंसी एबीएम नॉलेज वेयर लि के द्वारा पहले चरण का काम भी पूरा नहीं किया गया है. न ही उनके द्वारा इसकी जानकारी दी गयी है कि धीमी प्रगति के आखिरकार क्या कारण हैं?
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