पटना: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक डॉ मोहन भागवत ने कहा कि धर्म क्या कहता है, यह सभी जानते हैं. लेकिन, उसे अपने आचरण में नहीं लाते. सबकी प्रगति हो, सब आगे बढ़ें, ऐसा आचरण करो. अपनी समृद्धि को प्राप्त कर जब से लोगों ने विलासिता का जीवन शुरू किया और त्याग-करुणा की भावना को छोड़ दिया, तभी से भारत का दुर्दिन शुरू हुआ. यह अभी तक चल रहा है. वह सोमवार को तारामंडल सभागार में दधीचि देह दान समिति की बिहार में लांचिंग के मौके पर बोल रहे थे.
बुद्ध जैसा जीवन जीओ
उन्होंने कहा कि अपने अंदर करुणा को जगाओ. भारत में जो जीवन जीने की परंपरा विकसित हुई, उसे आज पश्चिम के लोग अपने आचरण में हमसे अधिक ला रहे हैं. उस परंपरा को आत्मसात करने की जरूरत है. अध्यात्म को अपनाना होगा. उचित–अनुचित की चिंता किये बिना हमारा कोई आचरण हमें नहीं करना चाहिए. बुद्ध को जीवंत बनाना है, तो उनके जैसा जीवन जीओ. मौके पर विधानमंडल में विपक्ष के नेता सुशील कुमार मोदी, पूर्व विधान पार्षद गंगा प्रसाद, विधान पार्षद किरण घई, आरके सिन्हा, एआर रहमान ने अपना शरीर दान किया.
इनके निधन के बाद उनकी आंखें–किडनी किसी जरूरतमंद को दिया जायेगा तथा शरीर का उपयोग मेडिकल कॉलेजों में चिकित्सकों द्वारा प्रशिक्षण के लिए किया जायेगा. सुबह नाश्ते पर भाजपा नेताओं से मुलाकात के दौरान आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने उन्हें पार्टी संगठन में एकता बनाये रखने की नसीहत दी. श्री भागवत ने पार्टी नेताओं को कहा कि संगठन में विभेद खत्म हो. आपसी तालमेल से काम करें. नाश्ते पर मुलाकात करने वालों में विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष नंद किशोर यादव, पूर्व मंत्री डा प्रेम कुमार भी शामिल थे. भागवत सोमवार को पटना की आरएसएस शाखाओं में आयोजित गुरुदक्षिणा कार्यक्रम में शामिल हुए. वहां उन्होंने स्वयंसेवकों से मुलाकात की. इसके बाद दिल्ली के लिए रवाना हो गये.