आयोग ने अपने तीन साल के कार्यकाल के दौरान सामाजिक एवं आर्थिक उत्थान के लिए चेतना अभियान चला कर महादलित समुदाय के लोगों को जागृत करने का काम किया है.
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महादलित आयोग ने निबटाये तीन साल में एक लाख मामले
पटना: राज्य महादलित आयोग ने अपने तीन साल के कामकाज का विस्तृत लेखा-जोखा मुख्यमंत्री को सौंपा. आयोग के अध्यक्ष उदय कुमार ने अपने सदस्यों के साथ 2013-14 की आंतरिक रिपोर्ट सीएम को सौंपने की जानकारी आयोग के कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में दी. उन्होंने कहा कि तीन साल में आयोग ने राज्य भर के […]
पटना: राज्य महादलित आयोग ने अपने तीन साल के कामकाज का विस्तृत लेखा-जोखा मुख्यमंत्री को सौंपा. आयोग के अध्यक्ष उदय कुमार ने अपने सदस्यों के साथ 2013-14 की आंतरिक रिपोर्ट सीएम को सौंपने की जानकारी आयोग के कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में दी. उन्होंने कहा कि तीन साल में आयोग ने राज्य भर के महादलितों की तीन लाख मामलों का निबटारा किया है.
सरकार की तरफ से इनके लिए चलनेवाली तमाम योजनाओं की जानकारी देने के लिए कई तरह से प्रचार-प्रसार किया गया. पंचायत स्तर तक सरकारी योजनाओं का प्रचार किया गया, ताकि अधिक-से-अधिक संख्या में महादलित समुदाय के लोग इसका लाभ ले सकें.
उन्होंने कहा कि महादलितों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए सरकार को कई तरह के सुझाव दिये गये हैं. इसमें शराब दुकान, जन वितरण प्रणाली की दुकानों और ठेकेदारी में 30 फीसदी आरक्षण देना सबसे प्रमुख है. इसके अलावा बाजार समिति के आवंटन में भी आरक्षण दिया जाये. पांच डिसमिल जमीन के साथ इंदिरा आवास और शौचालय भी मुहैया कराया जाये. सभी महादलित टोलों को संपर्क सड़क से जोड़ने की खासतौर से व्यवस्था करनी चाहिए. महादलितों को रोजगार दिलाने पर खासतौर से ध्यान देने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सोच के कारण ही आंबेडकर के वंशजों को अधिकार मिला है. इससे महादलितों का विश्वास बढ़ा है. आयोग ने जनता और सरकार के बीच कड़ी बनने का काम किया है. उन्होंने विकास मित्र और टोला सेवकों का वेतन बढ़ाने की भी मांग की है.
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