इस पर भी मन नहीं भरा, तो रॉड को गरम कर उसके गुप्तांग में डाल दिया, साथ ही शरीर के कई हिस्सों को जला दिया. इतनी दरिंदगी नाबालिग सह नहीं पायी और उसने पटना में ही एक अस्पताल में दम तोड़ दिया.
इसके बाद गीता सिंह ने नौकरानी को रखवाने वाले नंदन ढ़ाढी व चंदन को बुला कर शव को सौंप दिया और खुद फ्लैट में ताला लगा कर फरार हो गयी. नंदन और चंदन ने नाबालिग के पिता लाल बहादुर मिस्त्री व मां मंजू देवी को पटना लाया और शव को सौंप कर बोलेरो से वापस सभी को शेखपुरा भेज दिया. वहीं, शेखपुरा एसपी नवीन चंद्र झा ने कहा कि पीड़ित परिजनों के फर्द बयान को पटना के बुद्धा कॉलोनी थाने में प्राथमिकी के लिए भेज दिया जायेगा.