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चलेगा अभियान: बच्चे को डीपीटी के बदले दिया जायेगा पेंटावेलेंट का टीका एक टीका, पांच रोगों से बचाव

पटना: अब छह सप्ताह के ऊपर के बच्चे को डीपीटी के बदले पेंटावेलेंट का टीका दिया जायेगा. बिहार में राष्ट्रीय टीकाकरण अभियान के तहत पेंटावेलेंट को शामिल किया गया है. सात जनवरी से बिहार में अभियान की शुरुआत मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी करेंगे. यह टीका राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज अस्पताल, जिला अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य […]

पटना: अब छह सप्ताह के ऊपर के बच्चे को डीपीटी के बदले पेंटावेलेंट का टीका दिया जायेगा. बिहार में राष्ट्रीय टीकाकरण अभियान के तहत पेंटावेलेंट को शामिल किया गया है. सात जनवरी से बिहार में अभियान की शुरुआत मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी करेंगे. यह टीका राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज अस्पताल, जिला अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और आंगनबाड़ी केंद्रों में मुफ्त में लगाया जायेगा.

समाहरणालय सभागार में अभियान की जानकारी देते हुए डीडीसी डॉ राजीव कुमार ने बताया कि पेंटावेलेंट टीका पल्स पोलियो अभियान के बाद दूसरा बड़ा अभियान होगा, जो सात जनवरी से पटना के साथ राज्य के सभी जिलों में चलाया जायेगा. बिहार के सभी जिलों में 56 हजार से ज्यादा टीके पहुंचे .

पांच बीमारियों से होगी रक्षा : एसीएमओ डॉ सरोज सिंह ने बताया कि पेंटावेलेंट टीका बच्चों को पांच घातक रोग गलघोटू, काली खांसी, टेटनस, हेपेटाइटिस बी और हीमेफिलिस इन्फ्लुएंजा बी से बचाव करता है. इसी कारण इसका नाम पेंटावेलेंट है.

हीमेफिलिस इन्फ्लुएंजा बी से होने वाले गंभीर रोगों में निमोनिया, मेनिनजाइटिस, सेप्टिमिया और एपिलोटाइटिस शामिल हैं, जिनसे यह टीका बचाव करता है.

टीका नवजात को डीपीटी के छठे, दसवें और 14 वें सप्ताह पर लगने वाले टीके के स्थान पर पी-1, पी-2 और पी-3 के रूप में लगेगा. यदि किसी बच्चे को एक भी डीपीटी की सूई लग गयी है,तो उसे यह टीका नहीं दिया जायेगा. साथ ही यह ध्यान देना आवश्यक है कि संस्थागत प्रसव में जन्म के 24 घंटे में हेपेटाइटिस बी और 16-24 माह और 5-6 साल पर लगने वाले डीपीटी बूस्टर पहले की तरह जारी रहेगा. पेंटावेलेंट के एक डोज की कीमत 1300 रुपये है.

बच्चों को लगेगी कम सूई : डब्ल्यूएचओ के डॉ राजेश और डॉ उज्‍जवल ने बताया कि पेंटावेलेंट टीके से बच्चों को लगने वाली सूई की संख्या कम होगी. अब बच्चों को अलग-अलग डीपीटी, हेपेटाइटिस बी और निमोनिया का टीका नहीं लगाना पड़ेगा. एक वर्ष के बच्चों को अब तक नौ सूई लगाने के बाद तीन और लगाये जाते हैं. इनमें से एक महंगा हीमेफिलिस इन्फ्लुएंजा बी यानी हिब का टीका बाजार से खरीद कर लगाना पड़ता है. इसकी कीमत 700-800 रुपये होती है. पेंटावेलेंट से लोगों की आर्थिक बचत भी होगी. यूनिसेफ के गौरी शंकर सिंह ने बताया कि हिब के कारण विश्व में पांच साल से कम आयु के 3 लाख 70 हजार बच्चे मरते हैं. इनमें लगभग 20 प्रतिशत बच्चे भारत के हैं. अब यह आंकड़ा घट सकता है.

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