पटना: पटना के एडीजे-छह सत्य प्रकाश ने मीठापुर बस स्टैंड में कृष्णा रथ के मालिक रविकांत चौधरी की गोली मार कर हत्या करने के मामले में कुंदन सिंह समेत सात अभियुक्तों को दोषी पाते हुए उम्रकैद व जुर्माने की सजा सुनायी है. मामले में 22 दिसंबर को अंतिम सुनवाई कर फैसला सुरक्षित रख लिया गया था. कोर्ट ने जुर्माने की आधी-आधी राशि मृतक के आश्रित व घायल सुरेंद्र प्रसाद को देने का निर्देश दिया है.
अदालत ने कुंदन सिंह समेत सभी सात अभियुक्तों को भादवि
की धारा 302/34 में आजीवन कारावास व 25-25 हजार रुपये अर्थदंड की सजा दी है. वहीं, अदालत ने कुंदन सिंह, कृपाशंकर सिंह व मंटू कुमार को भादवि की धारा 307/34 में सात वर्ष का सश्रम कारावास व 15-15 हजार रुपये अर्थदंड की सजा अलग से दी है. अदालत ने अपने फैसले में
कहा है कि अर्थदंड की आधी राशि मृतक की पत्नी या बड़े बेटे को दी जाये. वहीं, जुर्माने की आधी राशि मामले में घायल सुरेंद्र प्रसाद या उनकी पत्नी
को दी जाये.
क्या है मामला
रविकांत की हत्या का मामला जक्कनपुर थाने में कराया गया था. इसमें मृतक के छोटे भाई भानु कुमार उर्फ संतोष कुमार चौधरी ने बताया कि 27 जुलाई, 2011 संध्या 8.30 बजे जब रविकांत चौधरी मीठापुर बस स्टैंड स्थित कृष्णा रथ कार्यालय में अपने सह कर्मियों के साथ बैठे थे, तभी अभियुक्त हथियार से लैस होकर सफेद रंग की स्कॉर्पियो गाड़ी से आये और रविकांत चौधरी पर निशाना बना कर अंधाधुंध फायरिंग करने लगे. इससे उनकी घटनास्थल पर ही मृत्यु हो गयी. घटना में सुरेंद्र गोस्वामी को भी गोली लगी थी.
15 लोगों ने दी गवाही
अदालत में अभियोजन पक्ष द्वारा 15 गवाहों से गवाही करवायी गयी. सूचक ने हत्या के कारण में बताया कि कुंदन ही बस मालिक है तथा उनके लोगों से बस परमिट को लेकर दुश्मनी चल रही थी. कोर्ट ने जिन अभियुक्तों को दोषी पाया, उनमें गया के टेकारी निवासी कुंदन सिंह, पुत्र मंटू सिंह, कृपा शंकर सिंह, पप्पू, बाल मुकुंद सिंह, नगीना सिंह व राम निवास उर्फ छोटन शामिल हैं.