छठे दिन स्थानीय कलाकारों ने पर्यटकों का मोहा मनसूफी गायक दिव्यांक तनेजा ने अपनी मधुर आवाज से लोगों को झूमने पर किया मजबूरराजगीर की वादियों को किया झंकृतराजगीर (नालंदा). राजगीर महोत्सव के छठे दिन नये सुर-ताल के मधुर संगम को सुनने का मौका यहां पहुंचे पर्यटकों को मिला. इस महोत्सव में निनाद संस्था की कथक नृत्यांगना नीलम चौधरी अपनी घुंघरूओं की थाप से देर रात्रि तक राजगीर की वादियों को झंकृत करती रहीं. इनकी पूरी प्रस्तुति के दौरान दर्शक एकटक हो इनकी भाव-भंगिमाओं को निहारते रहे. नीलम चौधरी ने अपने कथक नृत्य के दौरान कथक नृत्य की शुरुआत से लेकर अब तक के बदलते परिवेश को कथक नाटक एवं नृत्य द्वारा सुंदर प्रस्तुति की. बताते चलें कि नृत्यांगना नीलम कथक सम्राट पंडित बिरजू महाराज की शिष्या रही हैं. इन्होंने अब तक कई नामी गिरामी एवं राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अपने नृत्य का प्रदर्शन किया है. इसके लिए उन्हें कई अवार्ड भी मिले हैं. इसके पूर्व जिला सूचना एवं जनसंपर्क विभाग से जुड़े कलाकारों ने जट-जटिन गाने पर आकर्षक और मनमोहक नृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों का मन मोह लिया. इस दौरान कलाकारों ने ‘जब-जब टीकवा मंगेलिया से जटवा-टीकवा काहे ले आइलू रे’ पर आकर्षक नृत्य प्रस्तुत किया. इसी दौरान सूफी गायक दिव्यांक तनेजा ने अपनी मधुर आवाज से लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया.
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राजगीर महोत्सव में नीलम के नृत्य पर झूम उठे लोग
छठे दिन स्थानीय कलाकारों ने पर्यटकों का मोहा मनसूफी गायक दिव्यांक तनेजा ने अपनी मधुर आवाज से लोगों को झूमने पर किया मजबूरराजगीर की वादियों को किया झंकृतराजगीर (नालंदा). राजगीर महोत्सव के छठे दिन नये सुर-ताल के मधुर संगम को सुनने का मौका यहां पहुंचे पर्यटकों को मिला. इस महोत्सव में निनाद संस्था की कथक […]
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