संवाददाता,पटना विजय नगर मानस मंदिर विकास समिति के तत्वावधान में सात दिवसीय भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ का समापन गुरुवार को हुआ. रामप्रपन्नाचार्य ने कहा कि भगवान ने अपनी लीला करते हुए गृहस्थ जीवन में प्रवेश किया. रुक्मिणी का प्रेम कृष्ण के चरणों में था. भाई उसकी मरजी के खिलाफ शिशुपाल से शादी कराना चाहता था. भगवान कृष्ण ने रुक्मिणी का प्रेम स्वीकार करते हुए उसे अपनाया. सुदामा और कृष्ण की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि सुदामा गरीब होते हुए भी भगवान कृष्ण से कुछ नहीं मांगा. पत्नी के कहने पर द्वारिका जाकर कृष्ण से भेंट की,लेकिन कुछ मांगा नहीं. भगवान अंतर्यामी होने के कारण सब कुछ जानते थे. इसलिए सुदामा जी को धन से परिपूर्ण कर दिया. सब कुछ पाने के बाद भी सुदामा को घमंड नहीं हुआ. मौके पर धर्मदत, हरेंद्र शर्मा, धीरेंद्र सिंह, राजीव रंजन, अनिता सिंह, वरुण कुमार सिंह, विपिन पांडेय, संगीता सिंह, शशिभूषण शर्मा, मानस मंदिर के पुजारी प्रशांत कुमार मिश्र व राजेश कुमार उपस्थित थे.
भगवान हैं अंतर्यामी : रामप्रपन्नाचार्य,सं
संवाददाता,पटना विजय नगर मानस मंदिर विकास समिति के तत्वावधान में सात दिवसीय भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ का समापन गुरुवार को हुआ. रामप्रपन्नाचार्य ने कहा कि भगवान ने अपनी लीला करते हुए गृहस्थ जीवन में प्रवेश किया. रुक्मिणी का प्रेम कृष्ण के चरणों में था. भाई उसकी मरजी के खिलाफ शिशुपाल से शादी कराना चाहता […]
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