पटना: एमसीआइ ने पीएमसीएच, गया व भागलपुर मेडिकल कॉलेजों के निरीक्षण के बाद कमियों की सूची बिहार सरकार को भेज दी है. पीएमसीएच में 12, गया में 41 व भागलपुर में 22 कमियां गिनायी गयी हैं. सोमवार की देर शाम स्वास्थ्य विभाग को एमसीआइ का पत्र भेजते हुए कमियों को दूर करने के लिए तीन माह का समय दिया गया है. अगर इन कमियों को दूर नहीं किया गया, तो तीनों मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस कोर्स में नया नामांकन बंद हो जायेगा.
विभागीय सूत्रों के मुताबिक, पीएमसीएच व गया मेडिकल कॉलेज में 30 प्रतिशत तक शिक्षकों की कमी के अलावा उन सभी कमियों को दोबारा गिनाया गया है, जिनकी वजह से एमसीआइ ने पिछली बार नामांकन पर रोक लगायी थी. एनएमसीएच, बेतिया, पावापुरी, दरभंगा, आइजीआइएमएस व मुजफ्फरपुर में भी शिक्षकों की कमी है. इसकी भी सूची दो दिनों के भीतर विभाग को भेज दी जायेगी.
सरकार गंभीर नहीं : एमसीआइ के मानक के मुताबिक, 100 छात्रोंवाले मेडिकल कॉलेज में कम-से-कम 185 शिक्षक होने चाहिए. मेडिकल कॉलेजों में महज 700 शिक्षक हैं, जिनमें से 70 शिक्षक अगले दो माह में रिटायर हो जायेंगे. बाकी भी रिटायर होने के करीब पहुंच गये हैं. ऐसे में उन्हें प्रोमोशन भी नहीं दिया जा सकता हैं. शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए सरकार शिक्षकों के रिटायरमेंट की उम्र 65 से बढ़ा कर 70 साल करनेवाली है. लेकिन, हर साल यह चर्चा तब होती है, जब एमसीआइ नामांकन रोकने की चेतावनी देती है. जब नामांकन हो जाता है, तो सरकार भूल जाती है.
बिहार में सरकारी कॉलेज
पीएमसीएच (150 सीटें ), एनएमसीएच (100 सीटें), आइजीआइएमएस (100 सीटें), डीएमसीएच (100 सीटें), गया मेडिकल कॉलेज (100 सीटें ), मुजफ्फरपुर मेडिकल कॉलेज (100 सीटें ), भागलपुर (100 सीटें) , बेतिया मेडिकल कॉलेज (100 सीटें) व पावापुरी मेडिकल कॉलेज (100 सीटें) .
एमसीआइ का पत्र आया है. प्रधान सचिव से वार्ता भी हुई है. समय पर सभी कमियों को दूर कर लिया जायेगा. कमियों में मुख्य रूप से शिक्षकों की कमी बतायी गयी है.
डॉ एसएन सिन्हा
प्राचार्य, पीएमसीएच
एमसीआइ बार-बार शिक्षकों की कमी को लेकर आपत्ति दर्ज कराती है. अगर इस कमी को सरकार को दूर करना है, तो सबसे पहले अनुबंध पर बहाल शिक्षकों को नियमित करें. उसके बाद शिक्षकों का रिटायरमेंट की उम्र 70 वर्ष कर दी जाये.
डॉ अजय कुमार
महासचिव, भासा