पटना: पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने वन टाइम सेटलमेंट कर राइस मिलरों को राहत देने की मांग मुख्यमंत्री से की है. उन्होंने कहा कि सरकार सूबे की 1315 चावल मिलों पर सर्टिफिकेट केस कर इस उद्योग की कमर तोड़ रही है.
मुख्यमंत्री राइस मिलरों के सम्मेलन में जाते हैं, लेकिन उनकी समस्याओं पर एक शब्द नहीं बोलते हैं. चावल मद का बकाया होने के आरोप में झूठा मुकदमा कर मिलरों को फंसाया जा रहा है. भंडारण के अभाव में मिलरों द्वारा तैयार चावल का उठाव करने में सरकार खुद विफल रही है. सरकार छत्तीसगढ़ व अन्य राज्यों की तरह न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसानों से सीधे धान खरीदने के लिए राइस मिलों पर क्रय केंद्र खुलवाये. वर्ष 2012-13 का मिलिंग, परिवहन व हथनालन चार्ज का बकाया मिलरों को भुगतान किया जाये.
20 वर्ष पूर्व के मिलिंग चार्ज को प्रति क्विंटल 10 रुपये से बढ़ा कर 45 रुपये किया जाये. पैक्सों द्वारा धान अधिप्राप्ति पर कमीशन और इंसिडेंटल चार्ज भी अभी तक अधिसूचत नहीं किया गया है.