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कहां से आयेगी राशि: बोनस का पैसा नहीं, कैसे हो धान खरीद

पटना: इस बार राज्य के किसानों को धान खरीद पर प्रति क्विंटल 300 रुपये का बोनस देने की घोषणा मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी और खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्याम रजक ने अलग-अलग जगहों पर की थी. इसके हिसाब से किसानों से 1660 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान की खरीद होनी है. लेकिन, […]

पटना: इस बार राज्य के किसानों को धान खरीद पर प्रति क्विंटल 300 रुपये का बोनस देने की घोषणा मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी और खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्याम रजक ने अलग-अलग जगहों पर की थी. इसके हिसाब से किसानों से 1660 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान की खरीद होनी है.

लेकिन, समस्या यह पैदा हो गयी है कि बोनस की राशि का इंतजाम करने में विभाग को मुश्किल आ रही है. इसके इंतजाम के लिए खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग लगातार वित्त विभाग के साथ मंथन करने में जुटा है. चूंकि, यह पैसा अतिरिक्त है, इससे विभाग यह नहीं समझ पा रहा है कि आखिर इसका बंदोबस्त कैसे और कहां से किया जाये. वित्त विभाग भी इतनी अधिक राशि का प्रबंध करने का रास्ता निकालने में जुटा है. अब जब तक बोनस के पैसे का इंतजाम नहीं हो जाता, धान की खरीद शुरू नहीं हो पायेगी.

30 लाख मीटरिक टन की खरीद का है लक्ष्य

इस बार राज्य सरकार ने 30 लाख मीटरिक टन धान खरीद करने का लक्ष्य रखा है. प्रति क्विंटल 300 रुपये की दर से बोनस देने की घोषणा के बाद 30 लाख मीटरिक टन या तीन करोड़ क्विंटल धान खरीदने के लिए करीब एक हजार करोड़ रुपये अतिरिक्त चाहिए. इस राशि का बंदोबस्त राज्य सरकार को अपने स्तर से करना है. यह राशि न केंद्र सरकार से मिलेगी और न ही अन्य किसी मद से इसकी आपूर्ति होनी है. यानी, राज्य के खजाने पर इसका अतिरिक्त बोझ पड़ेगा. ज्यादातर मात्र में धान की खरीद पैक्स के माध्यम से होनी है. इसके लिए प्रत्येक पैक्स को धान की अधिप्राप्ति करने के मुताबिक पैसे का पेमेंट करना होगा और यह राशि खाद्य आपूर्ति विभाग को एसएफसी (राज्य खाद्य निगम) के माध्यम से देना है. अब जब तक पैक्सों को प्रति क्विंटल 1660 रुपये के हिसाब से धान खरीदने के लिए रुपये नहीं मिल जाते, तब तक धान खरीद संभव नहीं होगी.

बोनस क्यों जरूरी

केंद्र ने इस वर्ष प्रति क्विंटल धान खरीदने के लिए 1360 रुपये मूल्य निर्धारित किया है. इस निर्धारित मूल्य पर ही वह राज्य को पैसे का भुगतान करेगा. लेकिन, केंद्र की तरफ से निर्धारित इस दर पर किसानों को कोई फायदा नहीं हो रहा था. बमुश्किल लागत निकल रही थी. प्रति किलो धान पैदा करने में करीब 13 रुपये का खर्च आता है. इस आधार पर एक क्विंटल धान पैदा करने में 1300 रुपये लागत आ रही है. इसके मद्देनजर राज्य सरकार ने किसानों को फायदा देने के लिए 300 रुपये प्रति क्विंटल बोनस देने की घोषणा की है.

विधानसभा सत्र के बाद ही कैबिनेट से मंजूरी

बिहार आकस्मिक निधि से इस पैसे का बंदोबस्त करना होता है. अभी विधानसभा सत्र शुरू होनेवाला है. ऐसे में फिलहाल इस मामले पर कैबिनेट की मंजूरी नहीं ली जा सकती है. ऐसे में 26 दिसंबर के बाद ही कैबिनेट की मंजूरी मिल सकेगी. कैबिनेट की मंजूरी के बाद ही अधिसूचना जारी होगी. फिलहाल मामला वित्त विभाग के पास है. इस वित्तीय वर्ष में 500 करोड़ रुपये का इंतजाम हो चुका है.

हुकुम सिंह मीणा, सचिव खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग

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