पटना: बैंककर्मी अमृतेश की दिनदहाड़े हत्या के बाद पटना पुलिस सकते में है. बिल्कुल सधे हाथों से चलायी गयी गोली के पीछे रेकी और गहरी साजिश साफ झलक रही है. पुलिस मामले के खुलासे के लिए एक तरफ अमृतेश के घरवालों से लगातार पूछताछ कर रही है, तो दूसरी तरफ सीसीटीवी फुटेज से बनाये गये स्केच के आधार पर छानबीन जारी है. इसमें कई तेज तर्रार पुलिस अधिकारियों व थानेदारों की मदद ली जा रही है.
मुखबिर के जरिये हमलावरों की शक्ल की शिनाख्त कराये जाने की प्रक्रिया जारी है. करबिगहिया से लेकर मीठापुर आरओबी तक सीसीटीवी कैमरे में कैद हुए अमृतेश के हमलावरों को पकड़ने के लिए पुलिस ने जाल बिछाना शुरू कर दिया है. कोतवाली, गांधी मैदान सहित शहर के अन्य थानों की थानेदारी कर चुके इंस्पेक्टर की मदद ली जा रही है. सबको स्केच दिखाया जा रहा है, लेकिन पुलिस हत्यारों की सटीक पहचान नहीं कर सकी है. पुलिस सूत्रों के अनुसार घटना को अंजाम देने में नयी उम्र के लड़के हैं.
घटना के कारणों को लेकर अब तक जो तथ्य सामने आये हैं, उनमें अमृतेश द्वारा पैसा लेकर सरकारी विभाग में नौकरी दिलाये जाने के संकेत मिले हैं. पुलिस ने उनके घर से मिले कई शैक्षणिक प्रमाण पत्रों पर पड़ताल शुरू कर दी है. पुलिस को उम्मीद है कि जिन छात्रों के प्रमाण पत्र हैं, उनसे पूछताछ में कुछ सुराग हाथ लगे, तो बहुत जल्द मामले का खुलासा हो सकता है. फिलहाल पुलिस का अनुसंधान जारी है.
13 दिसंबर को हुई थी घटना
13 दिसंबर को 9.45 बजे मीठापुर आरओबी पर अमृतेश की हत्या कर दी गयी थी. उनकी कमर में नाइन एमएम से गोली मारी गयी थी.