पटना: बांका, अररिया व गया में वन विज्ञान केंद्र खुलेंगे. इनमें विशेष दज्रे की पौधाशालाओं का निर्माण होगा. तीनों केंद्रों में विशिष्ट पौधों पर शोध और किसानों व वन कर्मियों को प्रशिक्षण भी मिलेगा. यहां से किसानों को वैज्ञानिक जानकारियां मिलेंगी सो अलग. इनके निर्माण पर 9.12 करोड़ खर्च होंगे.
बांका व अररिया में विज्ञान केंद्रों का निर्माण शुरू हो चुका है. शीघ्र ही गया के पीपरघटी में भी निर्माण शुरू होगा. केंद्र खोलने के लिए एक और जिले की तलाश की जा रही है. वन विज्ञान केंद्र खोलने के लिए वन पर्यावरण विभाग ने सूबे के चार हिस्सों में बांटा है. फिलहाल चार में से तीन ही क्षेत्रों में वन विज्ञान केंद्र खुलेंगे.
इन केंद्रों में सागवान, साल, कुसुम, पियार, काज, सीधो, केंदुआ, हल्दी आदि सर्वोच्च गुणवत्ता वाले पौधे रहेंगे. विज्ञान केंद्रों के एसी सेंटरों में हाइटेक पौधाशालाएं भी होंगी. इनमें भी विभिन्न प्रजाति के पौधे लगाये जायेंगे. एसी सेंटरों में सालों भर नियंत्रित वातावरण में पौधों को विकसित किया जायेगा. केंद्रों में प्रशासनिक भवन, दो डीप बोर वेल और नाला निर्माण कराया जायेगा. पानी टंकी का भी निर्माण कराया जायेगा. पानी टंकियों से तीनों वन विज्ञान केंद्रों में पाइप लाइन से शुद्ध पेयजल की आपूर्ति की जायेगी.
यहां खुलेंगे केंद्र
जिला क्षेत्र
बांका सुपहा सुरक्षित वन क्षेत्र
अररिया सुपहा सुरक्षित वन क्षेत्र
गया पीपरघटी सुरक्षित वन क्षेत्र
इन केंद्रों से किसानों, वन कर्मियों और स्वयंसेवी संस्थाओं को तरह-तरह की वैज्ञानिक जानकारियां मिलेंगी. खासकर औषधीय गुण वाले पौधों के निर्माण में बड़ी मदद मिलेगी.
विवेक सिंह, प्रधान सचिव
ये सुविधाएं होंगी
वातानुकूलित हाइटेक पौधशाला
सीड आर्डवार्ड, बैंबू सीट व त्रिफला वन निर्माण सेंटर
पौधारोपण का मॉडल प्रदर्शन केंद्र
विश्रमागार, ऑडोटोरियम व प्रशिक्षण केंद्र
दो तालाब और सोलर पावर प्लांट
जल संरक्षण के लिए मृदा जल क्षरण मॉडल
महिला श्रमिकों के लिए अलग से शौचालय