पटना: केंद्र सरकार ने बिजली के क्षेत्र में बिहार को बड़ी सौगात दी है. केस-टू बीडिंग के तहत भागलपुर के पीरपैंती, लखीसराय के कजरा और बक्सर के चौसा थर्मल पावर प्रोजेक्ट के लिए कोल ब्लॉक आवंटित कर दिया गया है.
इन तीनों प्रोजेक्टों को पश्चिम बंगाल के वीरभूम कोल फील्ड के देवचा पचमी कोल ब्लॉक से कोयला मिलेगा. तीनों प्रोजेक्टों के लिए बिहार को 486 मीटरिक टन कोयला मिलेगा. कोल ब्लॉक नहीं मिलने के कारण ही इन प्रोजेक्टों पर काम शुरू होने में परेशानी हो रही थी. राज्य सरकार को केवल जमीन व पानी उपलब्ध कराना है. संबंधित कंपनी को ही पूरी राशि खर्च करनी होगी.
इसी साल जनवरी में राज्य सरकार ने चौसा थर्मल पावर प्रोजेक्ट के लिए त्रिपक्षीय समझौता किया था. बिहार स्टेट पावर (होल्डिंग) कंपनी, केंद्र सरकार व हिमाचल प्रदेश की साझा कंपनी सतलज जल विद्युत निगम लिमिटेड व बिहार पावर इन्फ्रास्ट्रक्चर कॉरपोरेशन के बीच हुए करार के तहत इस प्रोजेक्ट को विकसित किया जायेगा.
कजरा व पीरपैंती प्रोजेक्टों को भी संयुक्त उपक्रम के माध्यम से पूरा करने की योजना राज्य सरकार ने बनायी है. एनएचपीसी से इस बाबत एक -दो दौर की वार्ता भी हो चुकी है. कोयला संकट के कारण ही कोई कंपनी इसमें दिलचस्पी नहीं दिखा रही थी. कोल ब्लॉक मिलने के बाद अब इन दोनों प्रोजेक्टों को भी संयुक्त उपक्रम के रूप में पूरा करने में सुविधा होगी.
अधिकारियों ने कहा कि अगर बिजलीघरों का निर्माण शुरू होता है, तो ये तीन-चार सालों में पूरी हो जायेंगी. पिछले चार सालों से इन तीनों प्रोजेक्टों पर काम चल रहा है. तीनों के लिए जमीन अधिगृहीत की जा चुकी है. केंद्रीय जल जल आयोग ने तीनों के लिए पानी की उपलब्धता सुनिश्चित कर दी है. केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने तीनों के लिए कोल लिंकेज देने की भी अनुशंसा कोयला मंत्रालय से कर दी थी. कोल लिंकेज नहीं मिलने के कारण ही निविदा आमंत्रित करने के बाद सिर्फ चौसा में ही कृभको ने दिलचस्पी दिखायी थी. हालांकि, बाद में वह तकनीकी कारण बताते हुए प्रोजेक्ट से से पीछे हट गयी थी.