लाइफ रिपोर्टर@पटनाएक तरफ ठंड के कुहासे बह रहे थे, तो दूसरे तरफ राजधानी वाटिका में मंच सजाया जा रहा था. वाटिका में आये लोगों को इंतजार था संगीत बिहान कार्यक्रम का. कला, संस्कृति एवं युवा विभाग और संगीत नाटक अकादमी द्वारा शनिवार को इस कार्यक्रम का आयोजन हुआ. कार्यक्रम में ध्रुपद गायन का कार्यक्रम हुआ. वाटिका के सुहाने माहौल में दरभंगा घराने के अंतिम स्तंभ रघुवीर मल्लिक ने ध्रुपद गायन से लोगों का दिल जीता. उन्होंने श्रोताओं को राग भैरव, श्लोक गायन, भजन की कई कडि़यां सुनायी. राग भैरव में कड़ी के बोल ‘गौरी-शंकर, राधा-कृष्ण के नाम गाइये, सकल सीध हो काम’ थे. इसके बाद उन्होंने राग भैरव में ही राग माला सुनाया, जिसकी पहली कड़ी के बोल थे, ‘बैठे नरेश राम तख्त शिया बाम अंग. भैरो जी गावत, रिझावत स्वर तान सौं’. कार्यक्रम में उन्होंने ध्रुपद के ध्यान, उदाहरण और दोहा वगैरह सुनाये. श्लोक गायन गाया. इनके साथ संगत में पखावज पर आसुतोष उपाध्याय, हारमोनियम पर विनोद पाठक, तानपुरा पर रंजय कुमार मल्लिक मौजूद थे. कार्यक्रम में लोगों का स्वागत संगीत नाटक अकादमी की उपसचिव विभा सिन्हा ने किया.
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गौरी-शंकर, राधा-कृष्ण के नाम गाइये, सकल सीधा हो काम
लाइफ रिपोर्टर@पटनाएक तरफ ठंड के कुहासे बह रहे थे, तो दूसरे तरफ राजधानी वाटिका में मंच सजाया जा रहा था. वाटिका में आये लोगों को इंतजार था संगीत बिहान कार्यक्रम का. कला, संस्कृति एवं युवा विभाग और संगीत नाटक अकादमी द्वारा शनिवार को इस कार्यक्रम का आयोजन हुआ. कार्यक्रम में ध्रुपद गायन का कार्यक्रम हुआ. […]
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