– अस्पताल प्रबंधन ने कहा, चार-पांच दिन करेंगे अभिभावक का इंतजारसंवाददाता, पटनामहज 38 दिन उम्र के नवजात ‘ आलोक ‘ के लिए अपने पराये और पराये अपने बन गये हैं. शुक्रवार को प्रभात खबर के अंक में ‘ मम्मी-पापा, मुझे घर ले चलो ‘ शीर्षक से खबर छपने के बाद भी उसके कठोर माता-पिता का दिल तो नहीं पसीजा, लेकिन उसे अपनाने को लेकर बड़ी संख्या में लोग सामने आये. किसी ने अस्पताल प्रबंधन से फोन कर तो किसी ने मिल कर बच्चे को गोद लेने की इच्छा जतायी. कंकड़बाग स्थित आस्था लोक हॉस्पिटल के मैनेजर कुणाल ने बताया कि बच्चे को लेकर डेढ़ दर्जन फोन आये, मगर उनमें बच्चे के माता-पिता का कोई फोन नहीं था. पटना के साथ ही कुछ लोगों ने गया और झारखंड के कुछ शहरों से भी फोन कर बच्चे को गोद लेने के बारे में जानना चाहा. कन्या विवाह एंड विकास सोसाइटी नामक संस्था के जिला प्रबंधक तरूण कुमार नामक व्यक्ति ने भी बच्चे को संस्था के माध्यम से लेने की इच्छा व्यक्त की. अस्पताल मैनेजर ने बताया कि हम चार-पांच दिन तक बच्चे के सही अभिभावक का इंतजार करेंगे, उसके बाद ही बच्चे को किसी संस्था को सौंपने या गोद देने के बारे में सोचेंगे. हमारा प्रयास होगा कि किसी सरकारी संस्था को ही बच्चे को दिया जाये, ताकि कोई भी व्यक्ति लीगली उसे एडॉप्ट कर सकें. वहीं, दूसरी ओर नवजात आलोक अब भी एनआइसीयू में ही भरती है. आइसीयू में भरती दूसरे मरीजों की तरह अस्पताल की नर्सें और डॉक्टर उसकी देख-रेख में जुटे हैं.
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‘ आलोक ‘ को अपनाने उठे कई हाथ, पर नहीं आये मां-बाप
– अस्पताल प्रबंधन ने कहा, चार-पांच दिन करेंगे अभिभावक का इंतजारसंवाददाता, पटनामहज 38 दिन उम्र के नवजात ‘ आलोक ‘ के लिए अपने पराये और पराये अपने बन गये हैं. शुक्रवार को प्रभात खबर के अंक में ‘ मम्मी-पापा, मुझे घर ले चलो ‘ शीर्षक से खबर छपने के बाद भी उसके कठोर माता-पिता का […]
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