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सीएम का आदेशपाल उनका संबंधी, परिवार का सदस्य नहीं : संजय सिंह

संवाददाता, पटना जदयू प्रवक्ता और विधान पार्षद संजय सिंह ने कहा कि सुशील मोदी ने आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री के परिवार के लोग उनके निजी सहायक हैं, लेकिन जैसे ही सीएम को पता चला कि यह नियम परक नहीं है तो अपने दामाद से तुरंत इस्तीफा ले लिया. साथ ही पूरे नियम के साथ […]

संवाददाता, पटना जदयू प्रवक्ता और विधान पार्षद संजय सिंह ने कहा कि सुशील मोदी ने आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री के परिवार के लोग उनके निजी सहायक हैं, लेकिन जैसे ही सीएम को पता चला कि यह नियम परक नहीं है तो अपने दामाद से तुरंत इस्तीफा ले लिया. साथ ही पूरे नियम के साथ यह भी तय किया कि नियम के खिलाफ कोई कर्मचारी तो नहीं है. आज की तारीख में एक भी स्टाफ नियम के खिलाफ नहीं रखे गये हैं. उन्होंने कहा कि सीएम जीतन राम मांझी के पास एक भी स्टाफ उनके परिवार का नहीं है. सुशील मोदी ने जो आरोप लगाया है कि सत्येंद्र कुमार जो सीएम के आदेशपाल हैं वह उनके संबंधी हैं. वह बहन के पुत्र हैं. सुशील मोदी जी जान लें कि भांजा परिवार का सदस्य के रूप में नहीं होता है. फिलहाल सुशील मोदी को सरकार के खिलाफ कोई ठोस मुद्दा नहीं मिल रहा है तो अनाप-शनाप आरोप लगा रहे हैं.संजय सिंह ने सुशील मोदी को बेचैनी की दवा खाने की अपील की है. जब से जीतन राम मांझी बिहार के मुख्यमंत्री बने हैं तब से इन्हें बेचैनी हो गयी है. इसलिए उन्हें बेचैनी खत्म करने की दवा खानी चाहिए. सुशील मोदी इसलिए बेचैन हैं क्योंकि प्रदेश में मांझी जी के नेतृत्व में बिहार का विकास पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा तय पैमानों पर हो रहा है. अब उन्हें बरदाश्त नहीं हो रहा है. जदयू प्रवक्ता ने कहा कि सुशील मोदी को लगता है कि विकास के पैमाने पर मांझी आगे बढ़ेंगे, तो उनकी ख्याति दुनिया में हो जायेगी. जिन राज्यों में भाजपा की सरकार है उससे कहीं ज्यादा बिहार सरकार की उपलब्धियां हो जायेगी. आखिर सुशील मोदी को जीतन राम मांझी में क्या कमी दिख रही है? क्या सुशील मोदी को मांझी जी का महादलित होना खटक रहा है?

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