अब संस्मरणों पर लिखेंगे किताबसंवाददाता, पटनापूर्व सांसद शिवानंद तिवारी ने एलान किया है कि अब वह न तो चुनाव लड़ेंगे और न ही किसी राजनीतिक दल से जुड़ेंगे. लेकिन, राजनीति से अलग नहीं होंगे. उन्होंने कहा कि अपने जीवन में बहुत-कुछ बदलते देखा है. अपने संस्मरणों के जरिये किताब लिखेंगे. लोहिया विचार मंच और समता संगठन से हटने के बाद जब चुनावी राजनीति में आया, तो अब तक लालू प्रसाद और नीतीश कुमार के साथ रहा. लालू प्रसाद से 50-55 साल, तो नीतीश कुमार से भी लगभग 40-42 वर्षों से रिश्ता है. लेकिन, आज इन दोनों से अलग हूं. या सच कहा जाये, तो दोनों ने मुझे अपने से अलग कर लिया. मैं उनकी परेशानी समझता हूं. आज की राजनीतिक संस्कृति के अनुसार मैं अपने को ढाल नहीं पाया, इसलिए इन दोनों के गले में अटकता हूं. दोनों ने अपने अहं की वजह से अपना नुकसान तो किया ही, समाज को भी इनसे जितना मिल सकता था, नहीं मिला. समझदार बताते हैं कि जीवन की शुरुआत में भविष्य की योजना बना लेनी चाहिए. लेकिन, मैंने ऐसा नहीं किया. मेरी जिंदगी बहुत उबड़-खाबड़ या यों कहें कि अराजक रही. लेकिन, संघर्ष के दिनों में कभी मैंने पीठ नहीं दिखायी. हमेशा आमने-सामने रहा. ज्यादातर निर्णय लेने में दिमाग से ज्यादा दिल की बात मानी है.
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न चुनाव लड़ेंगे, न किसी दल में शामिल होंगे : शिवानंद
अब संस्मरणों पर लिखेंगे किताबसंवाददाता, पटनापूर्व सांसद शिवानंद तिवारी ने एलान किया है कि अब वह न तो चुनाव लड़ेंगे और न ही किसी राजनीतिक दल से जुड़ेंगे. लेकिन, राजनीति से अलग नहीं होंगे. उन्होंने कहा कि अपने जीवन में बहुत-कुछ बदलते देखा है. अपने संस्मरणों के जरिये किताब लिखेंगे. लोहिया विचार मंच और समता […]
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