पटना: एक दिवसीय दौरे पर बिहार आये दामोदर वैली कॉरपोरेशन के चेयरमैन आरएन सेन ने ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव से मुलाकात की. इस दौरान डीवीसी ने बिहार को बिजली देने की इच्छा जतायी. हालांकि, मंत्री ने डीवीसी के चेयरमैन से कहा कि बिजली की दर को निजी कंपनियों के आस-पास रखा जाये, तभी बिहार पहल कर सकता है.
बाद में चेयरमैन ने मुख्यमंत्री के ऊर्जा सलाहकार प्रभात कुमार राय से भी मुलाकात की. डीवीसी से बिहार बिजली ले या नहीं, इस बाबत चेयरमैन से बात करने के लिए सीएम के ऊर्जा सलाहकार को ही अधिकृत कर दिया गया.
मुलाकात के दौरान डीवीसी के चेयरमैन ने ऊर्जा मंत्री व सीएम के ऊर्जा सलाहकार को बताया कि दिल्ली में राष्ट्रमंडल खेल संपन्न होने के बाद डीवीसी 1225 मेगावाट बिजली उपलब्ध होने की बात कह रहा है. 20 दिसंबर, 2012 को बिजली कंपनी के अध्यक्ष को पत्र लिख कर डीवीसी के अधिकारियों ने बताया कि दुर्गापुर थर्मल पावर से 450 मेगावाट व कोडरमा थर्मल पावर से 775 मेगावाट बिजली वह बिहार को उपलब्ध करा सकता है.
यह बिजली 25 वर्षो के लिए बिहार सरकार को दी जा सकती है. इसके पहले 15 अक्तूबर, 2012 को बिजली कंपनी के सदस्य (उत्पादन) को भी पत्र भेजा गया था. इसका जवाब नहीं मिलने पर 28 दिसंबर, 2012 को एक बार फिर डीवीसी ने पत्र लिखा था. बिहार में कायम बिजली संकट को देखते हुए ही डीवीसी बिहार को बार-बार पत्र लिख रहा है.
दो जनवरी व 11 फरवरी, 2013 को भी मुख्य अभियंता (ओएंडएम) को पत्र लिखा गया. 22 फरवरी को ऊर्जा मंत्रलय के संयुक्त सचिव आइसीपी केसरी की अध्यक्षता में बैठक हुई, तो कंपनी ने कार्यपालक अभियंता व अधीक्षण अभियंता को भेज दिया. 23 अप्रैल को राज्यसभा में राजद सांसद जगदानंद सिंह के एक प्रश्न के जवाब में केंद्रीय ऊर्जा मंत्री ने इसका उल्लेख भी किया है कि उसे अब तक डीवीसी से बिजली लेने संबंधी पत्र मिलने का इंतजार है.