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पहले मास्टर प्लान लागू होता, तो मिलता बिल्डिंग बाइलाज का लाभ

केके दत्ता, विशेषज्ञ रियल एस्टेट, बिहार 2032 में पटना और राज्य के अन्य शहर कैसे होंगे, इसके मद्देनजर सरकार ने बिल्डिंग बाइलाज को मंजूरी दी है. लेकिन, सरकार को पहले मास्टर प्लान को मंजूरी देनी चाहिए थी. मास्टर प्लान लागू हो जाता और इसके बाद बिल्डिंग बाइलाज लागू किया जाता, तो शहर की स्थिति और […]

केके दत्ता, विशेषज्ञ रियल एस्टेट, बिहार 2032 में पटना और राज्य के अन्य शहर कैसे होंगे, इसके मद्देनजर सरकार ने बिल्डिंग बाइलाज को मंजूरी दी है. लेकिन, सरकार को पहले मास्टर प्लान को मंजूरी देनी चाहिए थी. मास्टर प्लान लागू हो जाता और इसके बाद बिल्डिंग बाइलाज लागू किया जाता, तो शहर की स्थिति और भी बेहतर बनती. अब भी सरकार के पास समय है. वह तत्काल मास्टर प्लान को लागू करे. मौजूदा स्थिति में बिल्डिंग बाइलाज को कोई भी कोर्ट में चुनौती दे सकता है. सरकार को बिल्डिंग बाइलाज की प्रत्याशा में बने अपार्टमेंट को रेगुलराइज करने पर भी ध्यान देना चाहिए. पिछले दो-तीन सालों में हजारों फ्लैट बन कर तैयार हैं, लेकिन कहीं-न-कही सरकार की रोक है. ऐसे भवनों कोरेगुलराइज करने पर रियल एस्टेट की मंदी दूर हो सकेगी. सरकार ने बाइलाज में निवासियों की सुरक्षा का पूरा ख्याल रखा है. खासकर साइट सेट बैक का दायरा साढ़े चार मीटर से बढ़ा कर नौ मीटर कर दिया है. इससे कम चौड़ी जमीन पर अपार्टमेंट बनने में दिक्कत आयेगी. हालांकि, सरकार की समझ बनी है कि अधिक जगह से गाडि़यों के आने-जाने में दिक्कत नहीं होगी. कवर्ट एरिया और ओपेन एरिया भी चिह्नित किये गये हैं. स्ट्रक्चरल स्टेबलिटी सर्टिफिकेट का प्रोविजन कर सरकार ने फ्लैट खरीदनेवालों को बड़ी राहत दी है. इससे मकान के निर्माण शुरू करने के 15 दिन पूर्व नगर निगम के अधिकारी को सूचना देना अनिवार्य होगा. संबंधित अधिकारी की यह ड्यूटी होगी कि वह नियमित रूप से भवन के निर्माण में बीम में लगे लोहे की मात्रा तक की जांच कर सकेंगे.

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