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ग्रामसभा को बनाएं सशक्त : मंत्री

पटना: पंचायती राज मंत्री विनोद प्रसाद यादव ने कहा कि प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारी ग्राम पंचायतों को जागरूक बनाने में योगदान करें. मुखिया और वार्ड सदस्यों के साथ आम ग्रामीणों को भी ग्राम सभा में सक्रिय भागीदारी के लिए जागरूक किया जाये. यह भी कोशिश करें कि ग्राम सभा की बैठक में आम जनता अपनी […]

पटना: पंचायती राज मंत्री विनोद प्रसाद यादव ने कहा कि प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारी ग्राम पंचायतों को जागरूक बनाने में योगदान करें. मुखिया और वार्ड सदस्यों के साथ आम ग्रामीणों को भी ग्राम सभा में सक्रिय भागीदारी के लिए जागरूक किया जाये. यह भी कोशिश करें कि ग्राम सभा की बैठक में आम जनता अपनी राय खुल कर सामने रखे, जिससे सभी की भागीदारी सुनिश्चित हो सके.

उन्होंने कहा कि अच्छे सुझावों पर अमल भी किया जाये. इसका असर पंचायतों के विकास पर दिखेगा. राज्य सरकार की ओर से पंचायतों को सशक्त बनाने के लिए कई योजनाएं लागू की गयी हैं, उन योजनाओं का सही लाभ जनता तक पहुंचाना ही प्रखंड पंचायत पदाधिकारियों की उपलब्धि है.

पंचायती राज मंत्री रविवार को पंचायत भवन में आयोजित बिहार प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारी संघ के 56वें वार्षिक अधिवेशन को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने संघ की मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार करने व हर संभव सहयोग देने का आश्वासन दिया. उन्होंने बताया कि प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारी सेवा संवर्ग नियमावली में वर्णित सभी पदों को अविलंब भरने की दिशा में पहल की जायेगी. उन्होंने बताया कि राजीव गांधी पंचायत सुदृढ़ीकरण अभियान के तहत सभी जिलों में प्रशिक्षण संस्थान खोलने की दिशा में कार्रवाई की जायेगी. इसके पहले संघ की ओर से महामंत्री सुबोध कुमार झा ने सात सूत्री मांगों से विभागीय मंत्री को अवगत कराया. अधिवेशन को संघ के अध्यक्ष निर्मल शर्मा, संगठन मंत्री नित्यानंद पांडेय, उपाध्यक्ष यदुनंदन पांडेय व कोषाध्यक्ष आदित्य प्रकाश ने संबोधित किया.

संघ की मांगें
पंचायतों के सभी पद भरे जायें.
प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारी को पंचायत समिति का कार्यपालक पदाधिकारी बनाया जाये.
जिला पंचायत राज पदाधिकारी को अपर मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी बनाया जाये.
अनुश्रवण के उद्देश्य से अनुमंडल पंचायत राज पदाधिकारी के पद सृजित किये जायें.
प्रमंडलीय उप निदेशक व पंचायत राज का पद पंचायत सेवा शर्त नियमावली के पद सोपान में शामिल किया जाये.
एसीपी व एमएसीपी को अविलंब स्वीकृत किया जाये.
प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारियों की स्थापना जिले के अधीन हो.
जिलों में प्रशिक्षण संस्थान खोले जाये व उनमें प्राचार्य, व्याख्याता व अन्य पदों का सृजन किया जाये.
गया, पूर्णिया, कोसी, मुंगेर आदि प्रमंडलों में उप निदेशक कार्यालय में भी प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारी के पद सृजित किये जायें.

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