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एचआइवी पीडि़त बच्चों की ‘परवरिश’ अब आसान-सं

योजना को किया गया सरल, अब नहीं देने होंगे बीपीएल प्रमाणपत्र व हेल्थ कार्ड संवाददाता, पटनापरवरिश योजना का लाभ लेने के लिए अब एचआइवी पीडि़त बच्चों को बीपीएल प्रमाणपत्र व हेल्थ कार्ड नहीं देने होंगे. वे सीधे सीडीपीओ से संपर्क कर योजना का लाभ ले सकेंगे. सीडीपीओ की अनुशंसा पर एसडीओ ऐसे बच्चों को तत्काल […]

योजना को किया गया सरल, अब नहीं देने होंगे बीपीएल प्रमाणपत्र व हेल्थ कार्ड संवाददाता, पटनापरवरिश योजना का लाभ लेने के लिए अब एचआइवी पीडि़त बच्चों को बीपीएल प्रमाणपत्र व हेल्थ कार्ड नहीं देने होंगे. वे सीधे सीडीपीओ से संपर्क कर योजना का लाभ ले सकेंगे. सीडीपीओ की अनुशंसा पर एसडीओ ऐसे बच्चों को तत्काल योजना की राशि मुहैया करायेगा. योजना के तहत हर माह 900 से 1000 रुपये की आर्थिक मदद की जानी है. समाज कल्याण विभाग के निदेशक मोहम्मद इमामुद्दीन ने कहा कि एड्स पीडि़त बच्चों को योजना का अधिक-से-अधिक लाभ मिल सके, इसके लिए कई बदलाव किये गये हैं. अब आवेदन पर सीधे सीडीपीओ द्वारा बच्चों को लाभ मिल सकेगा. 10 करोड़ आवंटितयोजना की शुरुआत फरवरी में पूर्णिया जिले से पायलट प्रोजेक्ट के रूप में की गयी थी. इसमें करीब 750 बच्चों को कैंप लगा कर दो करोड़ की राशि बांटी गयी. अब इसे बिहार के सभी जिलों में लागू किया गया है. वित्तीय वर्ष 2014-15 में लगभग 10 करोड़ की राशि आवंटित की गयी है. इनको मिलेगा लाभ 0 से 6 वर्ष व 6 से 18 वर्ष के बच्चों को योजना का लाभ दिया जाना है. 0-6 आयु वर्ष के बच्चे को 900 रुपये व 6 से 18 वर्ष के बच्चों को 1000 रुपये प्रति माह मिलेंगे. ऐसे मिलेगी राशिबच्चे व अभिभावक का ज्वाइंट अकाउंट खुलवाया जायेगा. जिनके माता-पिता नहीं हैं, उन बच्चों को लालन-पालन करनेवाले रिश्तेदारों के जरिये अकाउंट खोल बच्चों को राशि दी जायेगी. आवेदन के साथ एआरटी कार्ड व जन्म प्रमाणपत्र की छायाप्रति जमा करनी होगी. इसकी जांच कर सीडीपीओ व एसडीओ द्वारा लाभ की राशि प्रदान की जायेगी.

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