संवाददाता,पटना आइजीआइएमएस मेडिकल कॉलेज से एम्स व बीएचयू समेत देश के प्रसिद्ध मेडिकल कॉलेज से जोड़ने की योजना है. छात्रों को उच्च शिक्षा देश के ख्याति प्राप्त प्रोफेसर से मिल सके. इसके लिए भी योजना बनायी गयी है. आइजीआइएमएस अधिनियम 1984 के तहत संस्थान एक विश्वविद्यालय भी है, जिसे यूजीसी से 1986 से विवि की मान्यता है. एमसीआइ ने भी एमबीबीएस शुरू करने के पत्र में संस्थान को विवि मान कर ही नामांकन लेने की अनुमति दी है. अधिनियम 1984 में संस्थान को पीजी एवं सुपरस्पेशियलिटी पीजी कोर्स चलाने,परीक्षा लेने,रिजल्ट प्रकाशित करने एवं डिग्री प्रदान करने का अधिकार प्राप्त है. 2007 में अंडर ग्रेजुएट कोर्स भी शामिल : 2007 में आइजीआइएमएस अधिनियम में संशोधन करते हुए सूची में अंडर ग्रेजुएट कोर्स को भी शामिल किया गया है. इस कारण एम्स के तर्ज पर संस्थान को चलाने का प्रयास किया जा रहा है. संस्थान परीक्षा लेने के लिए अपनी परीक्षा शाखा को गठित करेगा. शैक्षणिक ढांचा में जो भी कमियां है, उसे शीघ्र पूरा किया जायेगा. वहीं खाली पदों को भरा जायेगा. इसके लिए संस्थान प्रशासन तेजी से काम कर रहा है और अपने शैक्षणिक ढांचा को मजबूत करने के लिए बाहर से आये एक्सपर्ट से राय भी ले रहा है. संस्थान के निदेशक डॉ एनआर विश्वास ने कहा है कि मेडिकल कॉलेज का स्वरूप बेहतर करने के लिए देश के प्रसिद्ध मेडिकल कॉलेज के बेहतरीन प्रोफेसरों से राय ली जायेगी. इसके लिए बैठक होगी.
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आइजीआइएमएस से जुड़ेंगे एम्स के चिकित्सक, बढ़ेगी सुविधा,सं
संवाददाता,पटना आइजीआइएमएस मेडिकल कॉलेज से एम्स व बीएचयू समेत देश के प्रसिद्ध मेडिकल कॉलेज से जोड़ने की योजना है. छात्रों को उच्च शिक्षा देश के ख्याति प्राप्त प्रोफेसर से मिल सके. इसके लिए भी योजना बनायी गयी है. आइजीआइएमएस अधिनियम 1984 के तहत संस्थान एक विश्वविद्यालय भी है, जिसे यूजीसी से 1986 से विवि की […]
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