संवाददाता, पटनानेपाल में नवंबर माह के अंत में ‘गदीमाई त्योहार’ के दौरान पशुओं की बलि देने की प्रथा है. भारत में होनेवाले तमाम विरोधों के बाद भी गदीमाई मंदिर ने पशु बलि की इस प्रथा को जारी रखने का निर्णय लिया है. इस पशु बलि प्रथा को रोकने के लिए अभियान चलानेवाले संस्थान एनिमल वेलफेयर संगठन की प्रमुख गौरी मौलेखी ने सोमवार को बिहार के सीमावर्ती जिले पश्चिम चंपारण में एफआइआर भी दर्ज करवाया है. इस एफआइआर में उन्होंने गदीमाई मंदिर के ट्रस्ट को आरोपित ठहराते हुए कहा है कि भारत सरकार के तमाम विरोध के बाद भी मंदिर ट्रस्ट ने इस त्योहार में पशु बलि की परंपरा को बदस्तूर जारी रखा. संस्थान की ओर से एफआइआर में कहा गया है कि भारत के सुप्रीम कोर्ट ने नेपाल सीमा पर अवैध रूप से पशुओं की तस्करी रोकने का निर्देश दिया है. सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश को सभी जिलों के डीएम ने सख्ती से पालन किया, परंतु गदीमाई मंदिर ट्रस्ट के लोग सीमावर्ती राज्य के वासियों को गुमराह कर पशुओं की तस्करी करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं. यह पूरी तरह से गलत है. भारत के सख्त विरोध के बाद भी मंदिर ट्रस्ट को कोई परवाह नहीं है.संस्थान की ओर से कहा गया है कि इस त्योहार में बलि देने के लिए बिहार, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और उत्तराखंड से बड़ी संख्या में पशुओं की तस्करी होती है. इनमें सबसे ज्यादा तस्करी बिहार से होती है. संस्थान की विशेष चौकसी की बदौलत अक्तूबर से लेकर अब तक 2422 पशुओं को सीमा पार ले जाये जाने से रोका गया. इसके तहत 114 लोगों को गिरफ्तार कर उन पर एफआइआर दर्ज कराया गया.
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नेपाल के गदीमाई मंदिर ट्रस्ट पर संस्थान ने कराया एफआइआर
संवाददाता, पटनानेपाल में नवंबर माह के अंत में ‘गदीमाई त्योहार’ के दौरान पशुओं की बलि देने की प्रथा है. भारत में होनेवाले तमाम विरोधों के बाद भी गदीमाई मंदिर ने पशु बलि की इस प्रथा को जारी रखने का निर्णय लिया है. इस पशु बलि प्रथा को रोकने के लिए अभियान चलानेवाले संस्थान एनिमल वेलफेयर […]
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