पटना: पीलिया से पीड़ित 65 वर्षीय मरीज बलदेव राय की एसके पुरी स्थित श्रीराम सुपर स्पेशलिस्ट रेफरल हॉस्पिटल में मौत होने के बाद उसके परिजनों ने करीब दो घंटे तक जम कर हंगामा किया. इस दौरान मेडिकल स्टोर, कैश काउंटर, एंबुलेंस तथा परिसर में खड़ी कार के शीशे तोड़ दिये गये. गुस्साये लोगों ने गमलों को तोड़ दिया.
परिजनों ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है. इस दौरान एसके पुरी पुलिस मौके पर जमी रही. परिजनों का आरोप है कि बलदेव राय को पीलिया थी और नर्सिग होम में इलाज के नाम पर 2.30 लाख रुपये वसूले गये, जबकि वहां के डायरेक्टर का कहना है कि एक लाख का बिल था, सारा पैसा परिजन को वापस कर दिया गया. डायरेक्टर ने तोड़-फोड़ के दौरान कैश काउंटर से पैसा गायब होने की बात कही है.
परिजनों का आरोप है कि वह नर्सिग होम के डायरेक्टर राजकुमार से कई बार कहे कि उन्हें आइजीएमएस के लिए रेफर कर दीजिए, लेकिन उन्हें आश्वासन दिया जाता रहा. इसी बीच रविवार की सुबह मरीज की और हालत बिगड़ गयी. उसे ऑक्सीजन लगाया गया. जब मामला एकदम बिगड़ गया, तो उन्हें रेफर करने की तैयारी शुरू की गयी. परिजन एक कागज की फोटो कॉपी कराने गये थे व मरीज के पास उनकी बेटी इंदू देवी मौजूद थी. इंदू के मुताबिक उनके पिता को अचानक सांस की प्रॉब्लम हुई. इस पर नर्स ने ऑक्सीजन का वॉल्यूम बढ़ा दिया गया. इससे वह और छटपटाने लगे और तत्काल उनकी मौत हो गयी.
उनकी मौत के बाद जब परिजन फोटो कॉपी लेकर मरीज के पास पहुंचे, तो बहन को रोते देख बौखला गये. करीब एक बजे हंगामा होने लगा. गुस्साये लोगों ने जम कर तोड़ फोड़ की. मौके पर पहुंची एसके पुरी पुलिस ने मामला शांत कराया और शव को परिजनों को सौंपा गया. परिजन एक तरफ रो रहे थे, तो दूसरी तरफ उनका हंगामा जारी था. हालांकि इसकी प्राथमिकी दर्ज नहीं करायी गयी है.
क्या कहते हैं परिजन
फुलवारीशरीफ के रहनेवाले विनय राय और संतोष राय ने बताया कि बोरिंग रोड स्थित बसावन पार्क के सामने मौजूद श्रीराम सुपर स्पेशलिस्ट रेफरल हॉस्पिटल में 18 नवंबर को उनके पिता बलदेव राय को इलाज के लिए भरती किया गया था. पिता को पीलिया हो गया था. इलाज के दौरान चिकित्सक ने बताया कि लीवर, गुर्दा खराब हो गये हैं. ब्लड में संक्रमण है, सांस की परेशानी है. इस दौरान नर्सिग होम में मरीज का इलाज किया गया, लेकिन उनकी हालत सुधरने के बजाय और बिगड़ने लगी. कहने के बाद भी उन्हें रेफर नहीं किया जा रहा था. क्या कहते हैं डायरेक्टर नर्सिग होम के डायरेक्टर राजकुमार का कहना है कि सांस की परेशानी होने पर ऑक्सीजन का वॉल्यूम बढ़ाया जाता है. इसमें अस्पताल की कोई गलती नहीं है. हंगामे के दौरान एक लाख रुपये उन्हें वापस किया गया. डायरेक्टर ने लेटर पैड दिखाया, जिस पर मृतक के बेटे का दस्तखत मौजूद है. पत्र में लिखा है कि इलाज में जो भी पैसा खर्च हुआ है, वह उन्हें वापस मिल गया. वह कोई कानूनी कार्रवाई नहीं करेंगे. डायरेक्टर की तरफ से यह भी कहा गया है कि तोड़-फोड़ के दौरान कैश काउंटर में जो पैसा था, वह लूट लिया गया. उन्होंने एफआइआर दर्ज कराने की बात कही है.