फोटो संजीव ने किया है. संवाददाता, पटना बीमा क्षेत्र में एफडीआइ (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) ने न तो अर्थव्यवस्था और न ही बीमा धारक आम जनता को लाभ पहुंचाया है. एफडीआइ में बढ़ोतरी विनाश को निमंत्रण देने के समान है. विगत 15 वर्षों में 23 निजी बीमा कंपनियों ने छह हजार करोड़ रुपये के करीब एफडीआइ लाये हैं. इसके विपरीत सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम एलआइसी ने 11वीं पंचवर्षीय योजना की अवधि के दौरान सात लाख चार हजार करोड़ रुपये तथा 12वीं पंचवर्षीय योजना के प्रथम दो वर्षों में दो लाख चार हजार करोड़ रुपये धनराशि को मॉबिलाइज किया है. ये बातें इस्ट सेंट्रल जोन इंश्योरेंस इंप्लाइज एसोसिएशन के महामंत्री श्रीकांत मिश्र ने कहीं. श्री मिश्र शनिवार को बीआइए सभागार में आयोजित राज्यस्तरीय कन्वेंशन में बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि मात्र पांच करोड़ रुपये के पूंजी आधार से व्यवसाय शुरू कर एलआइसी ने 17 लाख 69 हजार करोड़ रुपये की परिसंपत्ति बनायी है. औसतन 99.65 प्रतिशत दावों का निस्तारण : उन्होंने कहा कि बीमा क्षेत्र की निजी कंपनियां औसतन 47 प्रतिशत दावों को अस्वीकृत कर रही है, जबकि एलआइसी औसतन 99.65 प्रतिशत दावों का निस्तारण करती है. एफडीआइ में बढ़ोतरी न तो भारतीय अर्थव्यवस्था और न ही भारतीय जनता को लाभ पहुंचायेगी. पटना मंडल-2 इकाई के महामंत्री विशाल शरण ने कन्वेंशन का आधार-पत्र प्रस्तुत किया. पटना मंडल-1 के महामंत्री ओमप्रकाश द्वारा विषय पर चर्चा प्रारंभ की गयी. मौके पर भागलपुर के राजेश प्रसाद, मुजफ्फरपुर के नीरज प्रकाश, बेगूसराय के शिवशंकर सिंह सहित बीमा अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे.
एफडीआइ में बढ़ोत्तरी विनाश को निमंत्रण देने के समान : श्रीकांत मिश्रा
फोटो संजीव ने किया है. संवाददाता, पटना बीमा क्षेत्र में एफडीआइ (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) ने न तो अर्थव्यवस्था और न ही बीमा धारक आम जनता को लाभ पहुंचाया है. एफडीआइ में बढ़ोतरी विनाश को निमंत्रण देने के समान है. विगत 15 वर्षों में 23 निजी बीमा कंपनियों ने छह हजार करोड़ रुपये के करीब एफडीआइ […]
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