संवाददाता,पटना दलित और गरीब समाज में ज्वाला पैदा करना जरूरी है. अपनी कुंठाओं को दूर करना होगा. अपने पूर्वजों को याद करें और उनसे अन्याय के खिलाफ गुस्से का इजहार करना सीखें. खून का घूट पीकर चुप रहने की जरूरत नहीं है. उक्त बातें खाद्य एवं उपभोक्ता मंत्री श्याम रजक ने सेंटर फॉर सोशल इक्यूटी एंड इंक्लुजन संस्था द्वारा आयोजित राष्ट्रीय कंसलटेंसी कार्यक्र म में उपस्थित दलित बच्चे एवं युवाओं को संबोधित करते हुए कहीं. उन्होंने कहा कि दलितों के लिए शिक्षा जरूरी है. हमारे लोगों ने भी आजादी की लड़ाई लड़ी थी, लेकिन इतिहास के पन्नों में हमारे पूर्वजों का नाम अंकित नहीं है. इस पर गंभीरता से सोचना होगा क्योंकि हमारा समाज शिक्षित नहीं था. अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष विद्यानंद विकल ने कहा कि जो बच्चे एवं युवा सार्कसम्मेलन में शामिल होने जा रहे हैं. उन्हें दलितों के एजेंडे को अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर रखना होगा. स्कूल कॉलेज में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के लिए सरकार करोड़ों रुपये प्रति वर्ष भेजती है. व्यवस्था ऐसी है कि छात्रवृत्ति का लाभ उन्हें नहीं मिल रहा है. कार्यक्रम में प्रतिमा, सुनीता, आंबेडकर निर्माण दलित मंच के अध्यक्ष उपेन्द्र कुमार मांझी, प्रेक्सिसि संस्था के अरविंदो बनर्जी, दलित अधिकार मंच के कपिलेश्वर राम , राईटस (केरला) से आये अजय ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया. सेन्टर फॉर सेाशल इक्यूटी एण्ड इंक्लुजन संस्था ने देश के विभिन्न राज्यों के 35 बच्चे एवं युवाओं की टीम को काठमांडु रवाना किया. 22 से 24 नवंबर तक चलने वाले सार्क सम्मेलन में दलित बच्चे एवं युवा सम्मान, समान अधिकार और सामाजिक न्याय के सवालों को रखेगें.
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दलित व गरीब समाज में ज्वाला पैदा करना जरूरी : श्याम
संवाददाता,पटना दलित और गरीब समाज में ज्वाला पैदा करना जरूरी है. अपनी कुंठाओं को दूर करना होगा. अपने पूर्वजों को याद करें और उनसे अन्याय के खिलाफ गुस्से का इजहार करना सीखें. खून का घूट पीकर चुप रहने की जरूरत नहीं है. उक्त बातें खाद्य एवं उपभोक्ता मंत्री श्याम रजक ने सेंटर फॉर सोशल इक्यूटी […]
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