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33 वर्ष पुराने मामले में तत्कालीन कोषागार क्लर्क साक्ष्य के अभाव में बरी

– आइओ व सूचक तक ने नहीं दी गवाही, निगरानी मामला साबित करने में फेल- पटना कोषागार से नौ लाख रुपये का स्टांप अवैध तरीके से बेचने का था आरोपन्यायालय संवाददाता, पटनानिगरानी के विशेष जज बीके राय की अदालत में 33 वर्ष पुराने मामले की सुनवाई के पश्चात पटना कोषागार कार्यालय में कोषागार क्लर्क चंदेश्वर […]

– आइओ व सूचक तक ने नहीं दी गवाही, निगरानी मामला साबित करने में फेल- पटना कोषागार से नौ लाख रुपये का स्टांप अवैध तरीके से बेचने का था आरोपन्यायालय संवाददाता, पटनानिगरानी के विशेष जज बीके राय की अदालत में 33 वर्ष पुराने मामले की सुनवाई के पश्चात पटना कोषागार कार्यालय में कोषागार क्लर्क चंदेश्वर शर्मा को साक्ष्य के अभाव में रिहा कर दिया. उक्त मामला पांच नवंबर, 1981 में गांधी मैदान थाने में दर्ज किया गया था. इसमें एकाउंट अधिकारी बीआर सहाय ने यह आरोप लगाया था कि अभियुक्त गण आपसी षड्यंत्र कर कोषागार से लगभग नौ लाख रुपये का स्टांप अवैध तरीके से बेच कर गबन किया था. उक्त मामले में जांच के पश्चात आया कि लगभग 172 अन्य मामलों में भी इस तरह की गड़बडि़यां पायी गयी थीं. विचारण के दौरान इस मामले में अभियुक्त बीएस जगन्नाथन, मुरारी प्रसाद व ललन प्रसाद की मृत्यु हो गयी. निगरानी ने उक्त वर्षों में मात्र एक गवाह को अदालत में गवाही करवायी थी, जबकि आइओ, सूचक व वस्तु प्रदर्श गवाही देने नहीं आये. अदालत ने मामले का विचारण करने के पश्चात साक्ष्य के अभाव में 75 वर्षीय अभियुक्त चंदेश्वर शर्मा को रिहा कर दिया.

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