पटना: यूनियन और प्रबंधन एक ही गाड़ी के पहिये हैं. दोनों को मिल कर काम करना होगा. अलग-थलग होकर काम करने से बात बनने के बजाय बिगड़ जायेगी. यूनियन और प्रबंधक एक -दूसरे के पूरक हैं.
ये बातें सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के आंचलिक प्रबंधक एसके राय ने रविवार को बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज सभागार में सेंट्रल बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन (पटना जोन) के छठे त्रैवार्षिक महाधिवेशन को संबोधित करते हुए कहीं. एसोसिएशन के चेयरपर्सन अखौरी अरुण कुमार सिंह ने कहा कि बैंक अधिकारियों एवं कर्मचारियों के साथ सरकार दोहरा मापदंड अपना रही है. नयी तकनीक आने के चलते अधिकारियों एवं कर्मचारियों की संख्या लगातार सरकार घटा रही है. परिणाम यह हो रहा है कि अधिकारियों के कार्यभार बढ़ रहे हैं. महासचिव एसबी रोड़े ने कहा कि सरकार की सभी योजनाओं को पूरा करने में बैंक कर्मी पूरी क्षमता के साथ काम कर रहे हैं. फिर भी बैंककर्मियों का वेतन अखिल भारतीय स्तर पर सबसे कम है.
तत्कालीन महासचिव एसआर शैफुल्लाह ने कहा कि बैंकों के कुल एनपीए का 60 प्रतिशत बड़े-बड़े उद्योगपतियों के पास है. संगठन सचिव संजय कुमार सिन्हा ने कहा कि एआइसीबीओएफ का स्वर्ण जयंती समारोह वर्ष मनाया जा रहा है. मौके पर सीबीओए, पटना में 2014-17 के लिए अधिकारी निर्वाचित हुए. अखौरी अरुण कुमार सिंह को चेयरपर्सन, मुकेश कुमार सिन्हा को अध्यक्ष, सुधीर कुमार झा को महासचिव, विजय कुमार दास को कोषाध्यक्ष, आलोक कुमार व दीपक कुमार को उप महासचिव, संजय कुमार सिन्हा को संगठन सचिव बनाया गया. मौके पर बिहार-झारखंड के कई अधिकारी उपस्थित हुए.