* गर्दनीबाग अस्पताल में डॉक्टर, फार्मासिस्ट व कर्मचारियों की कमी, ओपीडी में रोज आते हैं चार सौ से अधिक मरीज
पटना : गर्दनीबाग अस्पताल में कहने को सामान्य इलाज से लेकर प्रसव तक की सुविधा है, लेकिन यहां महिला चिकित्सकों की संख्या पर्याप्त नहीं होने से परेशानी का सामना करना पड़ता है. इस अस्पताल की हालत यह है कि यहां सामान्य इलाज के लिए जरूरत पड़नेवाले संसाधनों की भी कमी है.
यही वजह है कि इस अस्पताल में सामान्य प्रसव, तो आसानी से हो जाता है, लेकिन जब सिजेरियन का केस आता है, तो चिकित्सकों के पसीने छूटने लगते हैं. कई बार एनेस्थेसिस्ट नहीं रहने के कारण ऑपरेशन नहीं हो पाता है और महिला को पीएमसीएच रेफर कर दिया जाता है. अस्पताल में रोज चार सौ से अधिक मरीज ओपीडी में इलाज के लिए आते हैं.
* कई बार हुआ हंगामा
देर शाम कोई गंभीर मरीज इलाज के लिए आता है, तो वहां एक ही चिकित्सक इलाज के लिए रहते हैं. चिकित्सक का सहयोग करनेवाला एक भी कर्मी नहीं होता है. इससे चिकित्सक मरीज का ढंग से इलाज नहीं कर पाते हैं. इस कारण वहां कई मरीज के परिजन हंगामा करने लगते हैं. जिससे डॉक्टर असुरक्षित महसूस करते हैं.
* अस्पताल में मरीजों की भीड़ बढ़ती जा रही है. बावजूद इसके चिकित्सक, नर्स व कर्मी नहीं बढ़ाये जा रहे हैं. शहरी अस्पतालों में प्रसव कार्य शुरू कर दिया गया है, लेकिन एनेस्थेसिस्ट की कमी के कारण सिजेरियन करने में परेशानी होती है. मरीजों को पीएमसीएच रेफर करते है. डॉ मंजु प्रसाद, अस्पताल उपाधीक्षक
* सभी शहरी अस्पतालों में मरीजों का इलाज ठीक से हो और उसे इलाज के लिए भटकना नहीं पड़े, इसकी व्यवस्था की जा रही है. बहुत जल्द अस्पतालों में चिकित्सकों की संख्या बढ़ायी जायेगी.
डॉ लखींद्र प्रसाद, सिविल सजर्न