* इंट्री प्वाइंट भी दो से ज्यादा, जांच के लिए उपकरण भी नहीं
पटना : जंकशन की सुरक्षा व्यवस्था मुकम्मल कैसे होगी, जब दो नहीं कई हैं इंट्री प्वाइंट? यहां से आने-जानेवाले यात्रियों व लगेज की जांच कैसे होगी, जब जांच का कोई उपकरण ही नहीं है? ट्रेन में चढ़ने से लेकर उतरने तक किसी भी इंट्री प्वाइंट में जांच की कोई व्यवस्था नहीं है, सिवाय टिकट चेकिंग के.
* एक लाख यात्री करते हैं आवाजाही
पटना जंकशन से हर दिन लगभग एक लाख यात्रियों की आवाजाही होती है. कई इंट्री गेट होने की वजह से हर यात्रियों की जांच करना सुरक्षाकर्मियों के लिए संभव नहीं है. सुरक्षाकर्मियों की भी घोर कमी है. ऐसी स्थिति में हर यात्रियों पर सुरक्षाकर्मियों की नजर नहीं जा पाती है. सुरक्षा के नाम पर सिर्फ जंकशन परिसर, और प्लेटफॉर्म पर आरपीएफ व जीआरपी के जवान घूमते नजर आते हैं.
* हैंड मेटल डिटेक्टर और बैगेज स्कैनर भी नदारद
पटना जंकशन को इंटीग्रेटेड सिक्यूरिटी सिस्टम (एकीकृत सुरक्षा व्यवस्था) से लैस करने की जरूरत है. इसके तहत स्टेशन के इंट्री और आउट गेट पर डोर मेटल डिडेक्टर, बैगेज स्कैनर, हैंड डिटेक्टर, स्नीफर डॉग्स, बम डिस्पोजल मशीन आदि की आवश्यकता है. फिलहाल मुख्य जगहों पर सीसीटीवी से निगरानी की जाती है. समय समय पर जांच के नाम पर डोर मेटल डिडेक्टर भी लगाया जाता है, लेकिन आज कल वह भी गायब है.