पटना : एक बार फिर मेयर अफजल इमाम बनाम नगर आयुक्त कुलदीप नारायण का विवाद साफ दिखा. सोमवार को मेयर द्वारा बुलायी गयी स्थायी समिति की बैठक में अधिकारियों की ओर से एक कार्यपालक अभियंता छोड़ कर कोई भी नहीं पहुंचा. जबकि, इस बार विभागीय मंत्री ने स्पष्ट आदेश दिया है कि नगर आयुक्त समेत सभी संबंधित अधिकारी बैठक में उपस्थित होंगे. अनुपस्थित रहनेवाले अधिकारियों पर विधिवत कार्रवाई की जायेगी. इसके बाद भी मंत्री के आदेश को ठेंगा दिखाते हुए कोई भी पदाधिकारी बैठक में शिरकत नहीं की. वहीं अपर नगर आयुक्त (स्थापना) सीता चौधरी ने कहा कि आयुक्त की ओर से मंत्री के पत्र से संबंधित कोई भी निर्देश नहीं मिला है.
नहीं दी फॉगिंग पर रिपोर्ट
मेयर ने स्थायी समिति की बैठक निर्धारित करने को लेकर पत्र लिखा था, जिसमें फॉगिंग मशीन व छिड़काव पर विस्तृत रिपोर्ट की मांग की थी. इसके अलावा 10 व 15 लाख की योजनाओं की समीक्षा की जानी थी. लेकिन, नगर सचिव खुद बैठक में शामिल नहीं हुए और न ही फॉगिंग पर पूरी रिपोर्ट उपलब्ध करायी गयी. मेयर ने कहा कि निगम क्षेत्र में दिन-प्रतिदिन डेंगू मरीजों की संख्या बढ़ रही है, लेकिन फॉगिंग नहीं करायी जा रही है. निगम प्रशासन ने बैठक ही नहीं, बल्कि कार्यो का भी बहिष्कार किया है. इसको लेकर निंदा प्रस्ताव पारित करते हुए निगम प्रशासन से मेयर ने कहा है कि 24 घंटे के भीतर फॉगिंग पर विस्तृत रिपोर्ट उपलब्ध कराये.
डेंगू मरीज बेहाल, अस्पतालों में हंगामा
पटना : पटना में डेंगू का डंक लगातार बढ़ रहा है, लेकिन स्वास्थ्य महकमा और नगर निगम इससे पूरी तरह बेखबर है. पीड़ितों की संख्या बढ़ कर 69 पहुंच जाने के बावजूद इसकी रोकथाम को लेकर कोई कदम नहीं उठाये जा रहा. पीड़ितों को पीएमसीएच से लेकर दूसरे अस्पतालों में इलाज के लिए भटकना पड़ा रहा है. पीएमसीएच के डेंगू वार्ड में भरती होने वाले मरीजों को चिकित्सक भरती तक नहीं ले रहे. नगर निगम ने शहर की लगभग बीस लाख आबादी के लिए पिछले साल ही 61 फॉगिंग मशीन की खरीदारी की थी, मगर उनमें से 41 पिछले आठ माह से खराब पड़ी है.
नगर निगम भी बेखबर
नगर निगम के मेयर व आयुक्त के निजी विवाद के चलते उनका ध्यान पब्लिक की परेशानी की तरफ नहीं जा रहा. वित्तीय शक्ति होने के बावजूद निगम के अधिकारी मशीनों की मरम्मत या नयी खरीददारी में रुचि नहीं दिखा रहे. फॉगिंग का काम कागज पर ही हो रहा है. दुर्भाग्य की बात यह है कि पटना सिटी अंचल डेंगू से सबसे अधिक प्रभावित है, लेकिन यहां उपलब्ध तमाम 17 छोटा व एक बड़ा फॉगिंग मशीन खराब पड़ा है.
हर दिन डेंगू वार्ड में हंगामा
हर दिन डेंगू वार्ड में मरीजों का हंगामा होता है. सोमवार को भी डेंगू वार्ड में भरती मरीज ने हंगामा किया और चिकित्सकों पर आरोप लगाया कि वह उनका इलाज ठीक से नहीं करते हैं, जिसकी खबर मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव दीपक कुमार ने पीएमसी प्राचार्य डॉ एस.एन.मिश्र से बात की और उनको दिशा-निर्देश दिया. जिसके बाद मरीजों के बेड पर चादर लगाये गये और चिकित्सकों के साथ प्राचार्य ने बैठक की और डेंगू वार्ड का निरीक्षण भी किया. निरीक्षण के दौरान डेंगू वार्ड में तैनात चिकित्सक व नर्स को प्राचार्य ने फटकार लगायी. फिलहाल पूरे बिहार में 79 डेंगू मरीज मिले हैं, जिसमें से 39 मरीज राजधानी पटना के हैं.
सिविल सजर्न पहुंचे पीएमसीएच, जिला अस्पतालों को दिया निर्देश
डॉ केके मिश्र सोमवार को पीएमसीएच के डेंगू वार्ड पहुंचे और वार्ड का मुआयना किया. इस दौरान भरती मरीजों से बात करने के बाद उनसे इलाज के बारे में पूछा. डॉ मिश्र ने पीएमसी प्राचार्य से भी मिला और डेंगू मरीजों के बारे में जानकारी ली. दूसरी ओर पीएचसी, रेफरल, अनुमंडलीय व शहरी अस्पतालों को दिशा निर्देश दिया गया है, जिसमें लिखा गया है कि डेंगू का लक्षण मिलने के तुरंत बाद उसकी जांच की व्यवस्था की जाये और इसकी जानकारी सिविल सजर्न कार्यालय को भेजी जाये. यही निर्देश निजी अस्पतालों को भी भेजा गया है कि डेंगू मरीजों की जानकारी समिति को तुरंत दें.
पीएमसी प्राचार्य ने किया मेडिसिन विभाग के साथ समीक्षा बैठक
प्राचार्य डॉ एस.एन.सिन्हा ने सोमवार को मेडिसिन विभाग के चिकित्सकों के साथ समीक्षा बैठक कर डेंगू मरीजों व वार्ड का हाल जाना. साथ ही रविवार को डेंगू वार्ड में हुई घटना के बारे में पूछा. चिकित्सकों के अनुसार मरीज सीधे डेंगू वार्ड में भरती होना चाहता था और उसे बस इमरजेंसी से भरती होने को कहा गया. बस बात इतनी थी. चिकित्सकों के मुताबिक डेंगू वार्ड में चिकित्सकों की तैनाती है.