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17 नवंबर से बनेगा सूबे के वार्डो का मास्टर प्लान
सभी संसाधनों का आंकड़ा जुटाया जायेगा पटना : चायतों का हर वार्ड अब अपना मास्टर प्लान तैयार करेगा. ग्रामीण विकास विभाग ने 17 नवंबर से 11 दिसंबर तक वार्डवार मास्टर प्लान बनाने का निर्देश दिया है. इसके तहत वार्ड स्तर पर ही योजनाएं तैयार की जायेंगी. वार्ड के अंदर के सभी संसाधनों का आंकड़ा जुटाया […]
सभी संसाधनों का आंकड़ा जुटाया जायेगा
पटना : चायतों का हर वार्ड अब अपना मास्टर प्लान तैयार करेगा. ग्रामीण विकास विभाग ने 17 नवंबर से 11 दिसंबर तक वार्डवार मास्टर प्लान बनाने का निर्देश दिया है. इसके तहत वार्ड स्तर पर ही योजनाएं तैयार की जायेंगी.
वार्ड के अंदर के सभी संसाधनों का आंकड़ा जुटाया जायेगा. ग्रामीण विकास मंत्री नीतीश मिश्र ने बताया कि महायोजना बनाने के लिए वार्ड में चार सक्षम उन्नति मित्र दिये जायेंगे, जो तकनीकी सहायता देंगे.
मास्टर प्लान तैयार करने में उस वार्ड में वैसे जल संसाधनों की सूची तैयार की जायेगी, जिसका उपयोग वार्ड में रहनेवाले निवासी करते हैं. इसमें नदी, उपनदी, नहर, आहर-पैन, चौर, पारंपरिक जल स्नेत, जल निकासी व सिंचाई के लिए उपयोग किया जानेवाला कु आं. उसकी वास्तविक स्थिति एवं उपयोग करने के लिए समस्याएं, उसका किस प्रकार समाधान किया जायेगा, क्या उसका निर्माण संभव है, इससे खेतों को क्या लाभ मिलेगा. इसी तरह से सामाजिक वानिकी की स्थिति का आकलन करना है.
वार्ड के भीतर व बाहर से जोड़नेवाली सभी पथों की सूची. पथ की तत्कालीन स्थिति. वार्ड निवासियों के परिवहन के उपयोग के साधनों का आंकड़ा, जिसमें वे किस सवारी का उपयोग करते हैं. वार्ड के अंदर खेल के मैदान, कैसे खेल खेले जाते हैं, खेलकूद में रुचि रखनेवाले नवयुवकों की संख्या, सामुदायिक भवन, आंगनबाड़ी केंद्र की स्थिति, बिजली से सनबंधित सूचना, जिसमें गांव में बिजली पहुंची या नहीं, ट्रांसफॉर्मर जला है या पोल गिरा है, एक दिन में कितने घंटे बिजली मिलती है, वार्ड में मोबाइल टावर की स्थिति, पशुपलान की स्थिति, चापाकल और निजी शौचालयों की स्थिति जैसी छोटी-छोटी सूचनाएं एकत्र की जानी है.
वार्ड में उपलब्ध सूचनाओं का समेकन करने के बाद सभी पंचायतों को यह कहा गया है कि वह 11-15 दिसंबर के अंदर पंचायत के अंदर के सभी वार्डो की योजनाओं को पारित कर करे. इसके बाद पंचायत समिति और जिला परिषद को 31 जनवरी तक योजनाओं को पारित कर ग्रामीण विकास विभाग के पास भेज देना है. उन्होंने बताया कि जो भी मास्टर प्लान तैयार किया जायेगा, उसकी अवधि पांच वर्षो के लिए निर्धारित होगी. अब इसी आधार पर हर वार्ड का मास्टर प्लान बनेगा. इसके आधार पर भविष्य की योजनाएं क्रियान्वित की जायेंगी.
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