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जमीन दो, स्कूल अपने नाम कराओ

पटना : हाइ या प्लस स्कूलों के लिए जमीन दाताओं के नाम पर अब स्कूलों का नामकरण किया जायेगा. अगर कोई दाता एक एकड़ से कम जमीन दान में देता है, तो उसका नाम स्कूल गेट के पास शिलापट्ट पर लिखा जायेगा. दान दाताओं के नाम पर स्कूल का नाम करने के लिए शिक्षा विभाग […]

पटना : हाइ या प्लस स्कूलों के लिए जमीन दाताओं के नाम पर अब स्कूलों का नामकरण किया जायेगा. अगर कोई दाता एक एकड़ से कम जमीन दान में देता है, तो उसका नाम स्कूल गेट के पास शिलापट्ट पर लिखा जायेगा.
दान दाताओं के नाम पर स्कूल का नाम करने के लिए शिक्षा विभाग ने प्रस्ताव तैयार कर कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेज दिया है. कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद हाइ व प्लस टू स्कूल भी जमीन दान देनेवाले दाताओं के नाम पर रखे जा सकेंगे. स्कूल का नाम तभी बदला जायेगा, जब वह पहले से किसी के नाम पर ना हो.
हाइ व प्लस टू स्कूल के लिए दान में दी जानेवाली जमीन पर कोई विवाद होता है, तो उसे जिलाधिकारी अपने स्तर से निबटायेंगे. अगर डीएम के निर्णय से संबंधित लोग संतुष्ट नहीं होंगे, तो शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव के पास वे अपील कर सकते हैं और उनका निर्णय ही अंतिम होगा.
राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत हर पांच किलोमीटर पर एक हाइस्कूल खोलने का प्रावधान है. हर पंचायत में एक प्लस टू स्कूल खोलने की प्रक्रिया चल रही है और 2017-18 तक सभी पंचायतों में एक-एक प्लसटू स्कूल खोल दिया जायेगा. वित्तीय वर्ष 2013-14 में 1,292 मिडिल स्कूलों को अपग्रेड कर प्लस टू स्कूल बनाया गया है.
वित्तीय वर्ष 2014-15 में भी 1000 नये प्लस टू स्कूल खोलने का लक्ष्य है. इसमें से कुछ अपग्रेड प्लस टू स्कूल के लिए जमीन उपलब्ध है और उसमें भवन निर्माण का काम शुरू हो गया है, लेकिन कई नये अपग्रेड प्लस टू स्कूल के लिए जमीन नहीं है. साथ ही ऐसे पुराने हाइ व प्लस टू स्कूल, जिनकी बिल्डिंग जीर्ण-शीर्ण हो गयी है और उनके पास जमीन नहीं है, उनके लिए जमीन की आवश्यकता है.
इसके अलावा जिन पंचायतों में मध्य विद्यालय नहीं हैं और जहां हैं, लेकिन पर्याप्त जमीन नहीं है, वहां प्लस टू स्कूल की स्थापना में कठिनाई हो रही है. इसलिए प्रारंभिक स्कूलों की तरह माध्यमिक व प्लस टू स्कूलों का नाम भी जमीन दाने देनेवाले दाताओं व उनकी ओर से सुझाये नाम पर नामकरण किया जाये. इससे हाइ व प्लस टू स्कूलों को जमीन मिल सकेगी.

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