पटना: भाजपा के साथ रिश्ते में आये तनाव के बीच जदयू में भी गहमागहमी है. पार्टी के आला नेता राजनीतिक गतिविधियों पर नजर रखे हैं. इसकी मुख्य कमान सांसद आरसीपी सिंह के पास है. वहीं, सरकार में शामिल वरिष्ठ मंत्री विधायकों के संपर्क में है.
जिस क्षेत्र से निर्दलीय विधायक हैं, उस जिले से संबंधित मंत्री उनके संपर्क में रहे. पार्टी के कितने विधायक पटना पहुंचे, इसकी जानकारी ली गयी. विधान परिषद में सत्तारूढ़ दल के मुख्य सचेतक श्रवण कुमार भी विधायकों के पटना आने की जानकारी लेते रहे.
गंठबंधन टूटने पर सरकार कैसे बने, इस अंकगणित को समझने के लिए संसदीय कार्य मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव व विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी ने लंबी वार्ता की. गंठबंधन को लेकर होनेवाली बैठक के बारे में आधिकारिक बयान न तो जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने दिया और न ही किसी और नेता ने. सूत्रों की मानें, तो 15 जून को बैठक तय है. यदि इस दिन निर्णय नहीं हुआ, तो 16 जून को शरद यादव व नीतीश कुमार गंठबंधन को लेकर औपचारिक घोषणा करेंगे.
टूट को लेकर एक धड़ा उत्साहित
गंठबंधन में चल रही खींचतान के बीच जदयू का एक धड़ा उत्साहित है. ऐसी सोच रखनेवाले नेताओं की नजर मंत्रिमंडल से लेकर विधान परिषद में होनेवाली मनोनयन कोटे की सीट व आयोग पर भी है. नीतीश सरकार में फिलहाल मुख्यमंत्री सहित 29 मंत्री हैं. इनमें भाजपा कोटे के 11 मंत्री हैं. संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार बिहार में 36 मंत्री कैबिनेट में शामिल हो सकते हैं. इस तरह अगर गंठबंधन टूटता है, तो एक झटके में जदयू के 18 विधायकों को सरकार में शामिल होने का अवसर मिल सकता है.