पटना: गांधी मैदान हादसे पर मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी से इस्तीफा मांगने पर भाजपा दो फाड़ हो गयी है. पार्टी के सांसद डॉ सीपी ठाकुर ने बुधवार को हादसे के लिए मुख्यमंत्री को दोषी मानने इनकार कर दिया था, जबकि गुरुवार को प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडेय और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गोपाल नारायण सिंह ने सीएम से इस्तीफा मांगा है. श्री पांडेय ने डॉ ठाकुर के बयान को उनका व्यक्तिगत विचार करार दिया है.
उन्होंने साफ-साफ कहा कि उनके विचारों से पार्टी सहमत नहीं है. मुख्यमंत्री की शासन पर पकड़ खत्म हो गयी है. जनता परेशान है और प्रशासन तंत्र लाचार. उनका बार-बार यह कहना कि वह दलित हैं, अब लोगों को नहीं पच रहा. इस आड़ में वे अपनी लाचारी- बेबसी आखिर कब तक छुपाते रहेंगे? दलित होने के नाम पर सूबे की 11 करोड़ जनता को भगवान भरोसे नहीं छोड़ा जा सकता. हालात ऐसे हो गये हैं कि सूबे की जनता खुद को लाचार और असहज महसूस कर रही है. अपराधियों का मनोबल इतना बढ़ गया है कि लोग लालू-राबड़ी के जंगलराज को याद करने लगे हैं.
सूबे को एक कुशल प्रशासक मिले, इसके लिए जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री पद छोड़ देना चाहिए. उधर, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गोपाल नारायण सिंह ने भी मुख्यमंत्री को इस्तीफा देकर नया जनादेश देने का रास्ता साफ करने को कहा है. उन्होंने बिहार में राष्ट्रपति शासन में चुनाव कराने की मांग भी की है, ताकि जनता निष्पक्ष निर्णय ले सके. उन्होंने कहा कि मांझी सरकार अपने अस्तित्व में होने का महज दिखावा कर रही है. मुख्यमंत्री गांधी मैदान हादसेवाले दिन खुद पूरे अमले के साथ मौजूद थे, फिर भी 34 लोगों को जान गंवानी पड़ी.