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जमीन-फ्लैट खरीदना सस्ता

पटना में जमीन की सर्किल रेट में 10 से 30 फीसदी तक कटौती पटना : जमीन व फ्लैट की रजिस्ट्री करानेवाले को बड़ी राहत मिली है. पिछले तीन वर्षो में जमीन की मिनिमम वैल्यू रेट (एमवीआर) में चार बार बढ़ोतरी के बाद जिला प्रशासन ने इस साल एमवीआर में 10 से 30 फीसदी की कटौती […]

पटना में जमीन की सर्किल रेट में 10 से 30 फीसदी तक कटौती
पटना : जमीन व फ्लैट की रजिस्ट्री करानेवाले को बड़ी राहत मिली है. पिछले तीन वर्षो में जमीन की मिनिमम वैल्यू रेट (एमवीआर) में चार बार बढ़ोतरी के बाद जिला प्रशासन ने इस साल एमवीआर में 10 से 30 फीसदी की कटौती की है. बुधवार को नयी एमवीआर का प्रकाशन कर दिया गया. यह शुक्रवार (10 अक्तूबर) से निबंधन कार्यालयों में लागू होगी.
2750 मौजे/मुहल्ले को फायदा : जिला अवर निबंधक प्रशांत कुमार ने बताया कि 15 मई, 2013 को लागू एमवीआर में वर्ष 2012-13 की तुलना में 473 मौजों में 100 फीसदी, जबकि 2823 मौजे/मुहल्ले में 50 प्रतिशत या उससे अधिक की वृद्धि की गयी थी. इनमें फुलवारीशरीफ, पटना सिटी, फतुहा, दनियावां, खुसरूपुर, दानापुर, मनेर, बाढ़, बख्तियारपुर, मोकामा, पंडारक, विक्रम, पालीगंज, नौबतपुर, बिहटा, मसौढ़ी, धनरूआ व पुनपुन आदि शामिल थे.
इसी एमवीआर पर इस बार भी आपत्तियां मांगी गयीं, जिस पर कुल 392 आवेदन मिले. इन आपत्तियों की जांच संबंधित अंचलाधिकारी व संबंधित निबंधन कार्यालयों द्वारा दो स्तरों पर करायी गयी. उनसे प्राप्त प्रतिवेदन के आधार पर जिला मूल्यांकन समिति ने 2750 मौजे/मुहल्ले में एमवीआर में 10 से 30 फीसदी की कटौती का निर्णय लिया पहले की तुलना में जमीन की कीमतें आधी पहले की तुलना में जमीन की क ीमतें आधी कर दी गयी हैं.
इसके तहत पहले जिन इलाकों में कीमतें 3900-3000 थीं, उन्हें घटा कर 2200-1300 कर दी गयी है. इससे शहर में बेतहाशा बढ़ती जमीन की कीमतों को कम कर दिया गया है. वहीं व्यावसायिक क्षेत्रों में 25 फीसदी की कमी की गयी है.
नयी एमवीआर की जरूरत इसलिए
तेजी से हो रहे शहरीकरण के कारण कई ग्रामीण अंचल या छोटे शहरों का भी तेजी से विकास हुआ है. इस वजह से इन स्थानों में जमीन की दर पिछले कुछ सालों में तेजी से बढ़ी है. कई स्थानों पर यह देखने को मिल रहा है कि सरकारी रजिस्ट्री रेट वास्तविक जमीन दर से कही ज्यादा हो गयी है. जमीन की वास्तविक सरकारी दर की तुलना में भी रजिस्ट्री दर ज्यादा है. इसके अलावा शहरी क्षेत्र में आनेवाली जमीन की रेट इसके पास मौजूद ग्रामीण अंचलों की तुलना में कई गुना ज्यादा है. इन बातों के मद्देनजर सरकार ने सभी जिलों की एमवीआर नये सिरे से निर्धारित करने का निर्णय लिया था.
कैबिनेट से अनुमति मिलने के बाद इस कार्य को सभी जिलों में व्यापक रूप से किया गया. अधिकतर शहरी क्षेत्रों या अर्धशहरी क्षेत्रों में यह विशेष रूप से पाया गया कि जमीन की रजिस्ट्री दर वास्तविक मूल्य से कहीं ज्यादा है. कहीं-कहीं यह तीन-चार गुना तक पायी गयी. ऐसे स्थानों में इसे पुनरीक्षित कर एमवीआर लागू की गयी है. जिन जिलों का एमवीआर तैयार हो गयी है, उनमें अधिकतर स्थान ऐसे हैं, जहां इसे कम करना पड़ा है. कहीं-कहीं इसमें 40 फीसदी तक की कटौती की गयी है.
निबंधन कार्यालयों व सीओ ने रेट कम करने का भेजा था प्रस्ताव
जांच रिपोर्ट में निबंधन कार्यालयों ने एमवीआर में 10 से 35 फीसदी, जबकि अंचलाधिकारियों ने 15 से 40 फीसदी तक कटौती की सिफारिश की थी. निबंधन कार्यालयों ने भूमि की तीन श्रेणियों आवासीय, सहायक सड़क और प्रगतिशील व कृषि भूमि में ही कमी करने का सुझाव दिया था, लेकिन जिला मूल्यांकन समिति ने सभी श्रेणियों की भूमि में 10 से 30 प्रतिशत तक की कमी करने का निर्णय लिया.
इस रियल एस्टेट इंडस्ट्री को बूस्ट मिलेगा. लेकिन, उम्मीद और थी. पिछली बार एमवीआर में कई गुनी वृद्धि हुई थी. लेकिन, मात्र 30 फीसदी तक ही कमी की गयी, जो काफी कम है.
मणिकांत, उपाध्यक्ष, बिल्डर एसोसिएशन ऑफ इंडिया
पांच श्रेणियों में बंटी है राजधानी
फ्रेजर रोड,एक्जिबिशन रोड, एसपी वर्मा रोड, भट्टाचार्य रोड, बेली रोड, तारामंडल से जीपीओ, बोरिंग रोड, कैनाल रोड और गांधी मैदान का इलाका.
नाला रोड, आर्य कुमार रोड, बारीपथ, गोविंद मित्र रोड, खजांची रोड, खेतान मार्केट, हथुआ मार्केट, किदवईपुरी समेत श्रीकृष्णापुरी का इलाकाकंकड़बाग, पुरानी बाइपास, रमना रोड, कुकनकुन सिंह लेन, शालीमार स्वीट्स व राजेंद्र नगर के इलाकेकंकड़बाग व राजेंद्र नगर का शेष इलाका, कांग्रेस मैदान, जगत नारायण रोड, बुद्धा कॉलोनी आदिवैसे इलाके जो इन चारों जोन में शामिल नहीं हैं, उन्हें जोन एक में रखा गया है.
19 जिलों की नयी एमवीआर तय
वर्तमान में 19 जिलों की नयी एमवीआर तय कर दी गयी है. इन जिलों में मुंगेर, जमुई, कैमूर, गया, अरवल, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, सहरसा, मधेपुरा, पूर्णिया, सीतामढ़ी, पटना, बेगूसराय, सारण, नवादा समेत अन्य शामिल हैं. बचे हुए जिलों की एमवीआर 15 अक्तूबर तक निर्धारित कर दी जायेगी. उसके बाद इसकी दरों की आधिकारिक घोषणा कर दी जायेगी. राज्य में सर्किलों की संख्या 534 के आसपास है, जिनमें लगभग 265 सर्किलों की दर तय हो चुकी है.
कमेटी बना कर दर निर्धारित
नये सिरे से एमवीआर निर्धारित करने के लिए डीएम की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया गया है. इसमें सीओ, नगर विकास पदाधिकारी, डीसीएलआर समेत अन्य को रखा गया है. ये पदाधिकारी संबंधित सर्किल के अंतर्गत आने वाले गांवों के लोगों से भी संपर्क करके दर की समीक्षा की. पदाधिकारियों ने सभी सर्किलों के विकास का वास्तविक आंकलन करने के बाद इसका निर्धारण किया है.

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