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नियोजित शिक्षकों का विशेष प्रशिक्षण अटका
पटना : सूबे के करीब 1.10 लाख नियोजित शिक्षकों को प्रशिक्षण के बाद भी ट्रेंड शिक्षकों का वेतन नहीं मिल रहा है. सत्र 2009-11 और सत्र 2010-12 में ये शिक्षक ट्रेंड (डिप्लोमा इन प्राइमरी एजुकेशन) हो चुके हैं, लेकिन छह महीने के संवर्धन कोर्स नहीं होने के कारण ये शिक्षक अब भी ट्रेंड नियोजित शिक्षकों […]
पटना : सूबे के करीब 1.10 लाख नियोजित शिक्षकों को प्रशिक्षण के बाद भी ट्रेंड शिक्षकों का वेतन नहीं मिल रहा है. सत्र 2009-11 और सत्र 2010-12 में ये शिक्षक ट्रेंड (डिप्लोमा इन प्राइमरी एजुकेशन) हो चुके हैं, लेकिन छह महीने के संवर्धन कोर्स नहीं होने के कारण ये शिक्षक अब भी ट्रेंड नियोजित शिक्षकों का वेतन नहीं पा रहे हैं.
इन शिक्षकों का संवर्धन कोर्स सितंबर के पहले सप्ताह से ही शुरू होना था, लेकिन शिक्षा विभाग ने इसका शिडय़ूल एक महीना बाद भी फाइनल नहीं किया. इसकी वजह से ऐसे प्रशिक्षित शिक्षकों को अभी और इंतजार करना होगा. इससे पहले 2007-09 सत्र में भी करीब एक लाख नियोजित शिक्षक ट्रेंड हुए थे. उनका संवर्धन दिसंबर 2012 में पूरा हुआ, लेकिन उन्हें राशि का भुगतान इस साल जुलाई महीने में हुआ.
जैसे-जैसे शिक्षकों ने ट्रेंड की डिग्री और संवर्धन कोर्स का सर्टिफिकेट नियोजन इकाइयों में जमा किया, वैसे-वैसे उन्हें राशि का भुगतान किया गया. अनट्रेंड शिक्षकों को ट्रेंड की तुलना में एक हजार कम रुपये मिलते हैं. इसका लाभ छह महीने के संवर्धन कोर्स (इंनरिचमेंट कोर्स) के बाद ही दियाजाता है. साथ ही अगर वे शिक्षक दक्षता परीक्षा में पास हो गये हैं, तो उन्हें अलग से करीब साढ़े तीन सौ रुपये और मिलेंगे.
क्या है संवर्धन कोर्स
अप्रशिक्षित शिक्षकों के इग्नू से ट्रेड होने के बाद एनसीटीइ ने छह महीने के संवर्धन कोर्स (इनरिचमेंट कोर्स) का नियम बनाया. इनरिचमेंट कोर्स के बाद ही ऐसे शिक्षकों की ट्रेंड की डिग्री को मान्य देने का प्रावधान किया गया. इसे करने के बाद ही उन शिक्षकों को ट्रेंड का लाभ मिल सकता है. संवर्धन कोर्स में शिक्षकों को बिहार के परिदृश्य के बारे में बताया जाता है. बिहार में क्या-क्या है? यह कोर्स प्रखंड स्तर पर कराये जाते हैं. शिक्षकों को बिहार के परिदृश्य पर एक एसायनमेंट तैयार कर जमा करना होता है. इसी आधार पर उनका इनरिचमेंट कोर्स पूरा होता है.
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