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बिहार के लोग खा सकेंगे भुसावल का केला
प्रायोगिक तौर पर गया में शुरू की गयी खेती पटना : अब बिहार के लोग भुसावल (महाराष्ट्र) के केले का स्वाद ले सकेंगे. लेकिन, ये केले भुसावल से नहीं आयेंगे, बल्कि बिहार के ही खेतों में उपजेंगे. केले की एक नयी प्रजाति ‘जी-9’ की खेती शुरू की गयी है. इसे उपजाने में करीब 40 फीसदी […]
प्रायोगिक तौर पर गया में शुरू की गयी खेती
पटना : अब बिहार के लोग भुसावल (महाराष्ट्र) के केले का स्वाद ले सकेंगे. लेकिन, ये केले भुसावल से नहीं आयेंगे, बल्कि बिहार के ही खेतों में उपजेंगे. केले की एक नयी प्रजाति ‘जी-9’ की खेती शुरू की गयी है. इसे उपजाने में करीब 40 फीसदी पानी कम लगता है. इस वजह से इसकी पैदावार वैसे स्थानों पर भी की जा सकती है, जहां पानी की कमी या शुष्क स्थान है.
प्रयोग के तौर पर इसकी खेती इसी साल से गया के इमामगंज और मानपुर के भोरे क्षेत्र में शुरू की गयी है. इन क्षेत्रों में जी-9 के करीब 30 लाख टिश्यू कल्चर पौधे बांटे गये हैं. गया की गिनती पानी की कमी वाले जिलों में की जाती है. अगर इस जिले में इसकी उपज अच्छी हो सकती है, तो राज्य में कहीं भी लगाने पर इसके बेहतर परिणाम मिल सकते हैं.
सकारात्मक परिणाम
गया में जिन किसानों के खेतों में अभी इसे लगाया गया है. वहां से बेहद सकारात्मक परिणाम मिल रहा है. इसे देखते हुए कृषि विभाग ने इस साल के अंत में इसका वितरण राजय भर में कराने का निर्णय लिया है. विभाग जल्द ही इसकी सूचना अपनी विभागीय वेबसाइट पर अपलोड करने जा रही है, जिससे किसान जी-9 के टिश्यू कल्चर पौधे की ऑनलाइन डिमांड भी कर सकते हैं.
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