पटना : दुष्कर्म व हिंसा से पीड़ित महिलाओं के लिए पटना में भी वन स्टॉप क्राइसिस सेंटर की स्थापना की जायेगी. इन सेंटरों पर दुष्कर्म व हिंसा से पीड़ित महिलाएं न केवल अपना इलाज करा सकेंगी, बल्कि वहां कानूनी संरक्षण भी पा सकेंगी. फिलहाल पटना के राजेंद्र नगर स्थित सरकारी अस्पताल में इसे संचालित किये जाने का प्रस्ताव है.
इसके बाद अन्य सरकारी अस्पतालों में इसे खोला जायेगा. इसके लिए प्रत्येक सेंटर पर प्रतिवर्ष 34 लाख 15 हजार 500 रुपये की राशि खर्च किये जायेंगे. हालांकि महिला विकास निगम ने इसके बजट में वृद्धि करने का प्रस्ताव भेजा है. मालूम हो कि इस सेंटर की स्थापना सर्वप्रथम एनजीओ की मदद से मुबंई के अस्पताल में की गयी. वहां दुष्कर्म पीड़िता को इलाज के साथ सारी सुविधाएं एक छत के नीचे दी जा रही है. उसी के तर्ज पर इन सेंटरों के देश भर में खोले जाने का प्रस्ताव है. सेंटरों को निर्भया कॉप्स के नाम से जाना जायेगा.
सभी 38 जिलों खोले जाने का प्रस्ताव
गौरतलब है कि दुष्कर्म पीड़िता को तत्काल सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से महिला व बाल विकास मंत्रलय की ओर से बिहार समेत सभी राज्यों में वन स्टॉप क्राइसिस सेंटर खोल जा रहे हैं. इसकी जिम्मेवारी महिला विकास निगम को दी गयी है. निगम के सूत्रों के अनुसार इसकी स्थापना बिहार के सभी 38 जिलों में की जानी है. इसके लिए सभी जिला पदाधिकारियों को स्थल चयन करने का निर्देश दिया गया है. जिले के सरकारी अस्पतालों व मुख्यालयों में सेंटर की स्थापना की जानी है. यह सेंटर 24 घंटे कार्य करेंगे, जहां पीड़िताओं का इलाज के साथ उनको मनोवैज्ञानिक कानूनी परामर्श की सहायता प्रदान की जायेगी. इस सेंटर में डॉक्टर, नर्स, काउंसेलर, वकील, पुलिस अधिकारी के अलावा सफाई व हेल्पर कर्मचारी की व्यवस्था होगी, जो पीड़िता की हर जरूरत का ध्यान रखेंगे.