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1000 स्वास्थ्य कर्मियों की नौकरी खत्म
पटना : पटना हाइकोर्ट ने वर्ष 1980 से 90 के बीच स्वास्थ्य विभाग में वर्ग तीन व चार के पदों पर हुई नियुक्तियों को रद्द कर दिया है. मुख्य न्यायाधीश रेखा एम दोशित और न्यायाधीश बीपी वर्मा के खंडपीठ ने बुधवार को दिसंबर, 2012 से लंबित फैसले को सुनाया. फैसले का असर एक हजार से […]
पटना : पटना हाइकोर्ट ने वर्ष 1980 से 90 के बीच स्वास्थ्य विभाग में वर्ग तीन व चार के पदों पर हुई नियुक्तियों को रद्द कर दिया है. मुख्य न्यायाधीश रेखा एम दोशित और न्यायाधीश बीपी वर्मा के खंडपीठ ने बुधवार को दिसंबर, 2012 से लंबित फैसले को सुनाया. फैसले का असर एक हजार से अधिक लोगों की नौकरियों पर पड़ेगा.
खंडपीठ ने नियुक्त कर्मियों को दो कैटेगरी में बांट कर अपना फैसला सुनाया है. निर्णय में कहा गया कि सभी नियुक्ति सिविल सजर्न और इसी स्तर के अधिकारियों ने की थी. इनमें से आधे लोगों को अनियमित तरीके से नियुक्त किया गया था, जबकि आधा लोगों की अवैध नियुक्ति हुई थी. कोर्ट ने अनियमित तरीके से नियुक्त कर्मियों की नौकरी बरकरार रखी, जबकि अवैध नियुक्तियों को तत्काल रद्द करने का निर्देश दिया है.
इस फैसले से विभिन्न सिविल सजर्न कार्यालय में कार्यरत वर्ग तीन व चार के कर्मियों की नौकरी समाप्त हो जायेगी.
मालूम हो कि राज्य सरकार ने स्वास्थ्य विभाग में नियुक्त इन कर्मियों की नियुक्ति को गलत ठहराते हुए सेवा से बरखास्त कर दिया था. बरखास्तगी के इस आदेश को पटना हाइकोर्ट के एकलपीठ ने रद्द कर दिया था और इन स्वास्थ्य कर्मियों की सेवा के समायोजन का निर्देश दिया था.
एकलपीठ के इस फैसले के खिलाफ राज्य सरकार ने अपील दायर की थी़ सरकार की ओर से दायर अपील याचिका पर मुख्य न्यायाधीश के कोर्ट में लंबी सुनवाई चली थी. कोर्ट ने इस मामले में दायर सभी 101 रिट याचिकाओं की एक साथ सुनवाई की.
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