पटना: पिछले साल जून-जुलाई में जिला कल्याण विभाग के खाते से 86 लाख रुपये के फर्जी निकासी मामले में संबंधित बैंक पर सरकारी विभाग ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है.
जिला कल्याण पदाधिकारी पवन कुमार मिश्र ने बैंक ऑफ इंडिया की चौहट्टा शाखा से फर्जी दस्तखत से निकाले गये 86 लाख रुपये मांगे हैं.
बैंक को भेजे गये नोटिस में कहा गया है कि बैंक ने यदि हस्ताक्षर का सही तरीके से मिलान किया होता या रांची की शाखा द्वारा की गयी आपत्ति पर ध्यान देकर क्रॉस चेक किया जाता तो रुपये की निकासी नहीं होती. बैंक की लापरवाही के कारण यह घपला हुआ है. श्री मिश्र का कहना है कि यदि हम किसी बैंक में राशि रखते हैं, तो बैंक की जिम्मेवारी होती है कि वह हमारे पैसे की देखभाल करे. लेकिन हमारे मामले में ऐसा नहीं हुआ. बतौर ग्राहक हमें बहुत परेशानी हुई. इसका दुष्परिणाम विद्यार्थियों को भी भुगतना पड़ा.
नोटिस मिलने की जानकारी नहीं : जीएम
बैंक ऑफ इंडिया के जोनल मैनेजर एम एन ए अंसारी ने कहा कि उन्हें नोटिस मिलने की कोई जानकारी नहीं है, यदि मिला होगा, तो वह चौहट्टा शाखा प्रबंधक के पास होगा. लेकिन इस मसले में कई बिंदु हैं, कल्याण विभाग द्वारा चेक बुक गायब होने की एफआइआर भी थाने में दर्ज है, पुलिस जांच कर रही है. सीधे बैंक को जिम्मेवार नहीं कहा जा सकता, यदि नोटिस मिलेगा तो हम अपने स्तर से जवाब देंगे.