पटना: पटना कॉलेज के स्नातक प्रथम वर्ष (इतिहास विभाग) के छात्र भानू ने यूजीसी की हेल्पलाइन पर कुछ सीनियर छात्रों द्वारा मानसिक रूप से प्रताड़ित व मारपीट करने की शिकायत की है.
उसकी शिकायत है कि 9 सितंबर को क्लास के ही एक छात्र सागर के साथ किसी बात को लेकर कहासुनी होने के बाद हॉस्टल के 15-20 छात्रों ने उसके साथ रैगिंग की और धमकाया. इस संबंध में यूजीसी ने पटना विवि के कुलपति को मेल भेज कर घटना व उस पर हुई कार्रवाई की जानकारी मांगी है.
भानू के अनुसार, सीनियर छात्रों साहिल, रूपेश व उनके साथियों ने उसे मानसिक व शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया. ये छात्र हमेशा गलत गतिविधियों में शामिल रहते हैं. वे हॉस्टल में जबरदस्ती घुस गये गालियां दीं. यह सब सिर्फ इसलिए कि सीनियर छात्रों को लगा कि उसने उन पर हंसा है. छात्र ने आरोप लगाया कि साहिल ने 15-20 छात्रों को लाठी-डंडे के साथ बुलाया और उसकी पिटाई भी की. बाद में भानू को उनके क्लास के ही दूसरे साथियों ने किसी तरह घर पहुंचाया. मारपीट करनेवाले छात्रों ने उसे बाद में देख लेने की भी धमकी दी. छात्र ने यूजीसी से अपने साथ न्याय की गुहार लगायी है.
यूजीसी द्वारा विवि को भेजे गये पत्र में कहा गया है कि विवि की एंटी रैगिंग कमेटी द्वारा इस संबंध में जो जांच की गयी है, उसका डिटेल भेजा जाये. इसके अतिरिक्त जांच का निष्कर्ष क्या निकला, दोषी पर क्या कार्रवाई की गयी, क्या सजा दी गयी, इन सबकी भी विस्तृत जानकारी यूजीसी द्वारा मांगी गयी है. इस संबंध में इतिहास विभाग के अध्यक्ष प्रो सुरेंद्र कुमार ने बताया कि यह रैगिंग का केस नहीं लगता है. यह आपसी झगड़े का केस है. उसके अभिभावक इसे रैगिंग का रूप देने की कोशिश कर रहे हैं. फिर भी मामले की जांच की जा रही है.
इतिहास विभाग के एक छात्र के गार्जियन आये थे. वे रैगिंग का आरोप लगा रहे थे. लेकिन, प्रथमदृष्टया यह केस रैगिंग का नहीं, बल्कि आपसी लड़ाई का लगता है. आरोप लगानेवाला और जिस पर आरोप है, दोनों एक ही क्लास के हैं. विभागाध्यक्ष को बुला कर मैंने पूछा है. आरोपित छात्र को बुला कर स्पष्टीकरण पूछा गया है. आरोपित छात्र के गार्जियन को भी बुलाया गया है.
एनके चौधरी, प्राचार्य
यूजीसी से मेल आया है. कॉलेज से पूछा जा रहा है. उसके बाद ही विवि स्तर पर कार्रवाई की जायेगी और यूजीसी के पत्र का जवाब भी दिया जायेगा.
नज्मुज जमां, प्रॉक्टर