पटना: सूबे में नियोजित शिक्षकों के 2000 मामले पेंडिंग हैं. 2008-09 से गठित अपीलीय प्राधिकार में अब तक 41 हजार मामले आये, जिनमें 39313 का निष्पादन हो चुका है. अपीलीय प्राधिकार के नवनियुक्त पीठासीन पदाधिकारियों ने राज्यस्तरीय बैठक में इसकी जानकारी दी.
सूबे के अपीलीय प्राधिकार के नवनियुक्त 59 पीठासीन पदाधिकारियों की पहली बैठक गुरुवार को शिक्षा विभाग में हुई.
बैठक की अध्यक्षता प्रधान सचिव आर.के. महाजन ने की. उन्होंने लंबित मामलों का निष्पादन जल्द से जल्द करने का निर्देश दिया. कटिहार, मधुबनी, गोपालगंज और बांका में सबसे ज्यादा 100 से अधिक मामले लंबित हैं. फिलहाल वित्तरहित शिक्षा के अपीलीय प्राधिकार में आने से अब मामले के बढ़ने की संभावना है. पीठासीन पदाधिकारियों को शिक्षा विभाग के प्रारंभिक-माध्यमिक के अधिनियम के साथ-साथ समय-समय पर उच्च न्यायालय के फैसले से भी अवगत कराया गया. बैठक में प्राथमिक शिक्षा के संयुक्त निदेशक सह प्रवक्ता आर. एस. सिंह मौजूद थे. वहीं,14 जिलों में प्रशासनिक सेवा व शिक्षा सेवा के पीठासीन पदाधिकारी के पद खाली हैं. नियुक्ति के लिए भी शिक्षा विभाग ने विज्ञापन निकाल दिया है.