पटना: राजधानी में मोबाइल टावर लगाने का फर्जी गिरोह सक्रिय हो गया है. गिरोह के सदस्य झांसा देकर भोले-भाले लोगों को अपने ठिकानों पर बुला रहे हैं व फिर बंधक बना कर रंगदारी वसूल रहे हैं.
मंगलवार की देर रात सर्विलांस से मोबाइल ट्रेस होने के बाद शास्त्रीनगर पुलिस ने पुनाईचक में छापेमारी करके दो लोगों को दबोच लिया, जबकि दो अन्य भागने में सफल रहे. इस दौरान बंधक बनाये गये कटिहार के युवक को उनके चंगुल से मुक्त कराया गया. युवक ने बताया कि उससे 90 हजार की रंगदारी मांगी जा रही थी. रंगदारी वसूलने वाले गिरोह ने दो घंटे तक उसकी पिटाई की व रंगदारी नहीं देने पर जान से मारने की धमकी दे रखी थी.
झांसा देकर कटिहार से बुलाया था युवक को
एक पखवारे पहले कटिहार निवासी मोहम्मद सकूर का मोबाइल नंबर टावर लगाने के फर्जी गिरोह के हाथ लग गया था. गिरोह के सदस्य उससे लगातार बात कर रहे थे और उसे मोबाइल टॉवर लगाने का सब्जबाग दिखा रहे थे. बातचीत के दौरान सकूर उनके झांसे में आ गया. मंगलवार को गिरोह के सदस्यों ने 90 हजार रुपये लेकर पटना के पुनाईचक में उसे बुलाया था. लेकिन, सकूर बिना पैसा लिये पुनाईचक पहुंच गया. इस दौरान पुनाईचक में ही एक मकान में फर्जी गिरोह के चार सदस्यों ने उसे बंधक बना लिया. उसकी तलाशी ली तो उसके पास रुपये नहीं मिले. इस पर गिरोह के सदस्यों ने उसकी पिटाई करनी शुरू कर दी. अपराधियों के बीच घिर जाने से सकूर ने अपने घर के किसी सदस्य से मोबाइल फोन पर उनकी बात करायी और रंगदारी की रकम देने की बात कही. इस पर तत्काल घर के लोगों ने पटना के शास्त्रीनगर पुलिस को सूचना दे दी.
सर्विलांस के जरिये मिली लोकेशन की जानकारी
जिस नंबर से फोन आया था, उसे थाने को उपलब्ध कराया गया. इस बीच बातचीत जारी थी. पुलिस ने सर्विलांस के जरिये मोबाइल नंबर व लोकेशन ट्रेस कर लिया व छापेमारी की. इस दौरान दो अपराधी पकड़े गये. पकड़े गये लोगों में संदीप कुमार उर्फ बिट्टू ( गुमिया) तथा राकेश सिंह उर्फ भुताली (बक्सर) शामिल हैं. जानकारी के अनुसार बक्सर के रहनेवाले दो अन्य अपराधी भाग निकले. पुलिस सूत्रों ने बताया कि बंधक बनाने तथा रंगदारी वसूलने के आरोप में एफआइआर दर्ज कर दोनों को बुधवार को जेल भेज दिया.
फर्जी गिरोह ऐसे करता है वसूली
मोबाइल टावर लगाने के नाम पर रंगदारी वसूलने वाला गिरोह प्लानिंग के साथ काम कर रहा है. गिरोह पहले निजी मोबाइल नेटवर्क कंपनी से नंबर की लिस्ट किसी तरह से हासिल कर ले रहे हैं. इसके बाद अपने को नेटवर्क कंपनी को अधिकारी बता कर बातचीत शुरू कर रहे हैं, जो लोग झांसे में आ जा रहे हैं उनसे रंगदारी वसूल कर गिरोह अंडर ग्राउंड हो जा रहा है. पुलिस सूत्रों की माने तो राजधानी में इस तरह के कई गिरोह सक्रिय हैं. कुछ गिरोह झारखंड के हैं व बिहार के शहरों में अपना नेटवर्क खड़ा कर रंगदारी वसूल रहे हैं.