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गंगा तट स्थित प्राचीन मंदिरों में सावन में मेला जैसा माहौल

पटना : गंगा किनारे स्थित प्राचीन मंदिर श्रद्धालुओं के लिए खास हैं. बुद्ध घाट स्थित अति प्राचीन राधा-कृष्ण मंदिर व समाहरणालय घाट स्थित शिव मंदिर गंगा तट पर स्थित हैं. लगभग 100 वर्ष पुराने इन मंदिरों की गरिमा गंगा के दूर होने से कम हो रही है. इन मंदिरों में साफ-सफाई की कोई विशेष व्यवस्था […]

पटना : गंगा किनारे स्थित प्राचीन मंदिर श्रद्धालुओं के लिए खास हैं. बुद्ध घाट स्थित अति प्राचीन राधा-कृष्ण मंदिर व समाहरणालय घाट स्थित शिव मंदिर गंगा तट पर स्थित हैं. लगभग 100 वर्ष पुराने इन मंदिरों की गरिमा गंगा के दूर होने से कम हो रही है.

इन मंदिरों में साफ-सफाई की कोई विशेष व्यवस्था नहीं है. किसी कमेटी से जुड़े नहीं होने से मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए किसी तरह की कोई सुविधा नहीं हैं. इसके बाद भी यहां श्रद्धालुओं की काफी भीड़ जुटती है. भक्त के चढ़ावे से मंदिर की देख-रेख हो रही है.

समाहरणालय स्थित शिव मंदिर के पुजारी पप्पू बाबा ने बताया मंदिर का नव निर्माण 1948 में किया गया है.

गंगा किनारे स्थित होने के कारण यहां श्रद्धालुओं की भीड़ रहती है. मांगलिक कार्यो व छठ व्रत के समय मेला-सा रहता ही है, सावन में भी काफी संख्या में श्रद्धालु शिव मंदिर में बाबा पर जलाभिषेक करने को पहुंचते हैं. इस मंदिर में राम-जानकी, राधा-कृष्ण, दुर्गा, लक्ष्मी, काली, तारा माता आदि की भी पूजा होती है. वहीं बुद्ध घाट स्थित अति प्राचीन राधा-कृष्ण मंदिर के पुजारी दीपक कुमार ओझा बताते हैं कि मंदिर की स्थापना 1919 में हुई थी. सिद्धि प्राप्ति मंदिर में शादी-ब्याह जैसे मांगलिक कार्य होते हैं. लगभग 95 वर्ष पुराने ब्रह्म स्थान के रूप में पीपल वृक्ष की पूजा होती है.

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