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पटना : मुखिया, सरपंच व जनप्रतिनिधि की संपत्ति अब होगी सार्वजनिक
प्रधान सचिव ने सभी जिलों को भेजा निर्देश पटना : लोकसेवकों के तर्ज पर सूबे में पहली बार मुखिया, सरपंच सहित अन्य त्रिस्तरीय पंचायती राज प्रतिनिधियों की संपत्ति सार्वजनिक की जायेगी. पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा ने सभी जिलों को इस आशय का निर्देश दिया है. राज्य के ढाई लाख जनप्रतिनिधियों […]
प्रधान सचिव ने सभी जिलों को भेजा निर्देश
पटना : लोकसेवकों के तर्ज पर सूबे में पहली बार मुखिया, सरपंच सहित अन्य त्रिस्तरीय पंचायती राज प्रतिनिधियों की संपत्ति सार्वजनिक की जायेगी. पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा ने सभी जिलों को इस आशय का निर्देश दिया है. राज्य के ढाई लाख जनप्रतिनिधियों को 31 दिसंबर, 2019 की कटऑफ डेट मानते हुए संपत्ति का ब्योरा सार्वजनिक कर देना है.
जनप्रतिनिधियों द्वारा सौंपे गये संपत्ति के ब्योरे को संबंधित जिले की वेबसाइट पर अपलोड किया जायेगा. कोई भी व्यक्ति सरकारी बेवसाइट पर मुखिया व सरपंच समेत चुने गये सभी लोगों की संपत्ति की जानकारी पा सकेगा. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा सुशासन के कार्यक्रम के तहत लोकसेवकों के साथ राज्य के मंत्रियों के ब्योरा सार्वजनिक करने का प्रावधान किया गया है.
राज्य सरकार के सभी मंत्रियों की चल व अचल संपत्ति हर साल के 31 दिसंबर को सार्वजनिक कर दी जाती है. इसी प्रकार राज्य के सभी भारतीय प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारियों, भारतीय पुलिस सेवा के पदाधिकारियों के अलावा सभी विभागों, आयोग और बोर्ड में काम करनेवाले सभी कर्मचारियों की चल और अचल संपत्ति को सार्वजनिक की जाती है.
डीएम को देना है संपत्ति का ब्योरा
पंचायती राज विभाग द्वारा त्रिस्तरीय पंचायत के सभी पदधारकों को प्रत्येक वर्ष 31 दिसंबर को कटऑफ डेट मान कर अब अपनी चल व अचल संपत्ति का ब्योरा सार्वजनिक करने का निर्णय लिया गया है.
इसके लिए विभाग द्वारा पंचायत प्रतिनिधियों के लिए प्रपत्र तैयार किया गया है. इस प्रपत्र में भी उनको अपने संपत्ति का ब्योरा डीएम को समर्पित किया जाना है. पंचायती राज विभाग द्वारा इस संबंध में जिलाधिकारियों व जिला पंचायती राज पदाधिकारियों को पहले ही निर्देश दिया जा चुका है. पंचायती राज विभाग द्वारा आम नागरिकों के बीच पंचायती राज प्रतिनिधियों की संपत्ति को सार्वजनिक की जा रही है.
जिन जनप्रतिनिधियों का संपत्ति सार्वजनिक की जायेगी उसमें मुखिया, वार्ड सदस्य, सरपंच, पंच, प्रमुख, पंचायत समिति सदस्य, जिला पर्षद अध्यक्ष व जिला पर्षद के पद शामिल हैं. पंचायत प्रतिनिधियों की संपत्ति सार्वजनिक होने से पारदर्शिता आयेगी. इससे भ्रष्टाचार पर भी अंकुश लगेगा. अभी तक इस राज्य के पंचायती राज प्रतिनिधियों की संपत्ति सार्वजनिक करने का प्रावधान नहीं था.
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