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पटना : उद्योगों को एसजीएसटी प्रतिपूर्ति 80 से 100% तक

पटना : उद्योग विभाग ने बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति में कुछ अहम संशोधन किये गये हैं. इसके औपचारिक दिशा निर्देश जारी कर दिया है. संशोधन के अनुसार इलेक्ट्रॉनिक कैश लेजर के माध्यम से जमा की गयी एसजीएसटी मद की राशि की प्रतिपूर्ति 80 फीसदी तक की जायेगी. यह प्रतिपूर्ति जीएसटी लागू होने की तिथि […]

पटना : उद्योग विभाग ने बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति में कुछ अहम संशोधन किये गये हैं. इसके औपचारिक दिशा निर्देश जारी कर दिया है.
संशोधन के अनुसार इलेक्ट्रॉनिक कैश लेजर के माध्यम से जमा की गयी एसजीएसटी मद की राशि की प्रतिपूर्ति 80 फीसदी तक की जायेगी. यह प्रतिपूर्ति जीएसटी लागू होने की तिथि एक जुलाई, 2017 से प्रदान की जायेगी . उच्च प्राथमिकता वाली इकाइयों के मामले में 100 फीसदी प्रतिपूर्ति प्रदान की जायेगी.
जानकारी के मुताबिक उद्योग विभाग, वाणिज्य कर विभाग प्राप्त प्रतिवेदन के आधार पर जीएसटी की प्रतिपूर्ति करेगा. हालांकि, प्रतिपूर्ति के लिए विभाग ने कुछ शर्तें भी तय की हैं, जिन्हें विभागीय वेबसाइट पर अपलोड किया जा रहा है.
इसके अलावा एक अन्य संशोधन के तहत बिहार में वर्तमान में कार्यरत एवं नयी इकाइयां अगर अपनी ऊर्जा की आवश्यकता की पूर्ति नवीन एवं नवीकरण ऊर्जा स्रोत से करती हैं, तो उन्हें बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति 2016 की परियोजना मानते हुए सभी प्रोत्साहन और दूसरी सुविधाएं दी जायेंगी. उल्लेखनीय है कि साथ ही संशोधन जीएसटी एक जुलाई से प्रभावी किया जायेगा. कर संबंधी अनुदान के अतिरिक्त सभी संशोधन 17 जनवरी से प्रभावी किये जा रहे हैं.
अहम संशोधन-
-ग्रीन कैटेगरी के उद्योगों को संचालित करने के लिए जरूरी सीटीओ और सीटीइ प्रमाण पत्र प्राप्त करने की छूट अब उजला श्रेणी के उद्योगों की भांति दी जायेगी.
-निवेश प्रोत्साहन नीति के तहत कंडिका 6 से जुड़े प्रावधान में कम से कम पचास फीसदी की वृद्धि को अब कम से कम 25 फीसदी की वृद्धि में प्रति-स्थापित किया गया गया है.
-स्वीकृत परियोजना लागत में भूमि लागत की सीमा दस फीसदी से बढ़ा कर 20 फीसदी कर दी गयी है.
-इकाइयों को औद्योगिक प्रोत्साहन नीति 2011 के तहत एसजीएसटी की प्रतिपूर्ति उसी प्रकार से की जायेगी, जिस प्रकार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति के तहत की जाती है. हालांकि प्रतिपूर्ति की अवधि और अधि सीमा पहले की भांति रहेगी.

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