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पटना : रजिस्ट्री बढ़ी नहीं, दस लाख तक बढ़े दाखिल-खारिज के मामले

अनिकेत त्रिवेदी एक वर्ष में 23 लाख तक पहुंचा म्यूटेशन का मामला पटना : राज्य में बीते तीन-चार वर्षों में जमीन रजिस्ट्री की संख्या बढ़ने का आंकड़ा औसत है. बीते साल 2018-19 में पूरे राज्य में 11 लाख 52 हजार 291 जमीन की रजिस्ट्री हुई है. वहीं, इस वर्ष मार्च से लेकर नवंबर तक आठ […]

अनिकेत त्रिवेदी
एक वर्ष में 23 लाख तक पहुंचा म्यूटेशन का मामला
पटना : राज्य में बीते तीन-चार वर्षों में जमीन रजिस्ट्री की संख्या बढ़ने का आंकड़ा औसत है. बीते साल 2018-19 में पूरे राज्य में 11 लाख 52 हजार 291 जमीन की रजिस्ट्री हुई है. वहीं, इस वर्ष मार्च से लेकर नवंबर तक आठ लाख 14 हजार तीन सौ 64 जमीन रजिस्ट्री पूरे राज्य में हुई है, पर पूरे राज्य में दाखिल- खारिज के मामले में अचानक वृद्धि हुई है.
राजस्व व भूमि सुधार विभाग के भू-अभिलेख व परिमाप के निदेशक जय सिंह के अनुसार पूरे राज्य भर में बीते वित्तीय वर्ष में अधिकतम दाखिल- खारिज के आवेदनों की संख्या 12 लाख थी, लेकिन इस वित्तीय वर्ष में दाखिल- खारिज के लिए 23 लाख तक आवेदन पहुंच गया है. नये आंकड़े के आवेदनों को निबटाने में विभाग को पसीना छूट रहा है.
मार्च तक पांच हजार करोड़ का लक्ष्य : इधर, मद्य निषेध, उत्पादन एवं निबंधन विभाग ने अगले वर्ष मार्च तक जमीन रजिस्ट्री से पांच हजार करोड़ रुपये राजस्व वसूली का लक्ष्य रखा है. सबसे बड़ी बात है कि विभाग ने नवंबर तक तीन हजार एक सौ 60 करोड़ रुपये राजस्व प्राप्त भी कर लिया है. अब तक 96.79 फीसदी तक आंकड़ा प्राप्त किया जा चुका है. वहीं, बीते वर्ष लक्ष्य के विरुद्ध 94.48 फीसदी, वर्ष 2019-18 में 83 फीसदी, वित्तीय वर्ष 2016-17 में 84 फीसदी, वित्तीय वर्ष 2015-16 में 103.25 फीसदी और वित्तीय वर्ष 2014-15 में 80.64 फीसदी लक्ष्य पूरा किया गया है.
अब तक 16 लाख आवेदन, नौ लाख लंबित
जय सिंह ने बताया कि दिसंबर तक 16 लाख तक आवेदन आने की संभावना है. इतने आवेदन कैसे आ गये हैं. इसकी जांच भी होगी. ऑनलाइन म्यूटेशन की सुविधा के कारण पुराने लोग भी आवेदन कर रहे हैं. कुछ फर्जी आवेदन भी आ रहे हैं. आवेदनों को निबटाने व आवेदनों में कोई गलती होती है तो सुधार करने के लिए एक सप्ताह में परिमार्जन साफ्टवेयर की शुरुआत की जा रही है. इससे भी लोगों को सुविधा मिलेगी. फिलहाल पूरे राज्य में करीब नौ लाख आवेदन लंबित पड़े हैं, जिनका निबटारा किया जाना है. इसके लिए सभी अंचलों से रिपोर्ट ली जा रही है.
आंकड़ों में जमीन रजिस्ट्री के मामले
वित्तीय वर्ष राजस्व की प्राप्ति रजिस्ट्री की संख्या
2014-15 2903 1037458
2015-16 3450 1103174
2016-17 3257 946261
2017-18 3824 1095011
2018-19 4440.63 1152291
2019-20 (नवंबर तक) 3058.58 814364

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